प्रोग्राम के फैकल्टी लीडर प्रो. संदीप शुक्ला ने बताया कि डिजिटल युग में साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस सप्ताह अहम रोल निभाएगा. पीएमजी की सर्वे रिपोर्ट में इस बात की जानकारी मिली है कि देश की प्रोमिनेंट इंडस्ट्री साइबर सिक्योरिटी के लिए काफी पैसा खर्च कर रही हैं. आईआईटी में अलग तरह के प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को साइबर सिक्योरिटी की फील्ड के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है. वर्तमान वर्ष में छात्रों को इस स्तर पर तैयार किया जाएगा कि जब वह इंडस्ट्री या गवर्नमेंट सेक्टर में जॉब करने जाएं तो अपने ज्ञान का भरपूर उपयोग करें.
साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में रिसर्च करने वाले छात्रों के लिए एप्लाइड रिसर्च कॉम्पटीशन काफी अहम है. इस प्रतियोगिता में उन रिसर्च पेपर्स को स्वीकार किया जाएगा, जिनका रिव्यू विशेषज्ञों ने किया है. प्रतियोगिता में आईआईटी मद्रास व आईआईटी गांधी नगर की टीमें फाइनल राउंड में भाग लेंगी. प्रतियोगिता जीतने वाली टीम को 25 हजार रुपए का पुरस्कार मिलेगा. द्वितीय स्थान पर आने वाली टीम को 15 हजार रुपए मिलेंगे. ‘कैप्चर दी फ्लैग’ प्रतियोगिता में 107 देशों की करीब 2700 टीमों ने भाग लिया, जिसमें से 6 टीमें फाइनल राउंड में भाग लेंगी.
एमबेडेड सिक्योरिटी चैलेंजेज हार्ड वेयर का सबसे कठिन कॉम्पटीशन होता है. इस साल कॉम्पटीशन की रूपरेखा यूनाईटेड स्टेट ऑफिस ऑफ नेवल रिसर्च के साथ मिलकर तैयार की है. प्रतिभागियों को इंटरनेट ऑफ थिंग्स डिवाइसेस पर अटैक करने वाले हिडेन डाटा के एक्सफिलिट्रेशन को प्रदर्शित करना होगा. इस कॉम्पटीशन में अमृता विश्वविद्यापीठम, आईआईआईटी इलाहाबाद, आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर, आईआईटी खडग़पुर, कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी की टीमें फाइनल में भाग लेंगी. इन्हें 50 हजार, 25 हजार व 10 हजार रुपए पुरस्कार में मिलेंगे.