कानपुर देहात में आईजी आलोक सिंह के वार्षिक निरिक्षण से जनपद के पुलिस विभाग में हडकंप मच गया। उनके पहुंचते ही अफरा तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। आईजी आलोक सिंह ने भोगनीपुर थाने के साथ अकबरपुर कोतवाली का निरीक्षण करते हुए पुलिस लाइन के साथ ही एसपी आफिस का भी निरिक्षण किया। आईजी आलोक सिंह ने भोगनीपुर थाने में सभी पुलिस वालो को निर्देश देते हुए बताया कि किस तरह आप सभी लोगो को दंगे और भड़की जनता को काबू करना होता है। इस बीच ज्यादा बवाल बढ़ने पर नियंत्रण करना और साथ ही प्रमुख घटनाओं के लिए पुलिस की तैयारी का परीक्षण कर महिलाओं ,बच्चो और एससी/एसटी मामलो में निगरानी के निर्देश दिए भी दिए। इसके बाद वहां से आईजी ने अकबरपुर कोतवाली का निरीक्षण करते हुए कोतवाली में साथ सफाई और सारी व्यवस्था दुरुस्त होने पर कोतवाल ऋषिकांत को शाबासी दी।
फिर वहां से पुलिस लाइन पहुंचे आईजी ने मेस और मालखाने के साथ रख रखाव व साफ़ सफाई देख जनप्रतिनिधियों, समाज सेवियों के साथ मीटिंग कर पुलिस व्यवहार के बारे में चर्चा कर गुर सिखाए। बाद में इन लोगो के द्वारा पुलिस की जनपद में कार्यशैली की जानकारी भी की। उसके बाद आईजी ने रवाना होते वक़्त एसपी आफिस का भी दौरा किया। इस दौरान सभी कार्यालयों का निरीक्षण करते हुए रजिस्टर के रख रखाव देखा। वहीं रजिस्टर मेंटेन न होने पर आईजी आलोक सिंह भड़क गए और कार्य में लापरवाही के चलते उन्होंने दंड दीवान के पद पर तैनात कैलाश प्रधान को निलंबित कर दिया। दीवान के निलम्बित होने पर पुलिस विभाग में हडकंप मच गया। इस दौरान दहशत में आये सभी पुलिस अधिकारी भी आईजी के आदेश पर सन्न रह गए और सभी अपने काम में लग गए।