700 दस्यू हमारे साथ
भिंड स्थित एक मंदिर में अधिकतर समय बिताने वाले दस्यू सम्राट मलखान सिंह आज कानपुर पहुंचे। उन्होंने बताया कि जब हम बीहड़ और चंबल में रहते थे तो क्रांतिकारियों की नगरी में आकर मां गंगा में डुबकी लगाते थे। बहुत वर्षो के बाद इस धरती को नमन करने का मौका मिला है। इस बीच पुलवामा आतंकी हमले पर दस्यू सम्राट खासे गुस्से में दिखे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाजत दें तो यूपी और एमपी के 700 समर्पणकारी दस्यु बिना शर्त कश्मीर और सरहद पर जाकर दुश्मनों के साथ लड़ने को तैयार हैं। हम कश्मीर के अंदर बैठे मुखबिरों के अलावा पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं को उन्हीं की धरती पर जाकर मारने के लिए तैयार हैं।
बचा जीवन सरहद के नाम
मलखान सिंह ने कहा कि जीवन के शेष दिन सीमा पर बिताना और देश के लिए वहीं काम आना चाहते हैं। इसमें कहीं भी उम्र आड़े नहीं आएगी। दस्यू सम्राट ने बताया कि उनके साथ करीब 700 पूर्व दस्यू हैं, जो समाजसेवा कर लोगों के लिए कार्य कर रहे हैं। दस्यू सम्राट ने कहा कि पाकिस्तान नापुंसक देश है। वहां की फौज हमारी सेना से सीधा मुकाबला नहीं कर सकते, इसी के चलते वो जेहादी मानसिकता पर तैयार आतंकी भारत में भेजकर आतंकी हमले करवा रही है। पर भारत अब बदल चुका है। वो अपने एक जवान के बदल एक हजार दुश्मनों को मारना का मद्दा रखता है। मलखान सिंह ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि भारतीय सेना बदला लेकर रहेगी।
कौन हैं मलखान सिंह
किसी वक्त मलखान सिंह की पहचान छह फीट लंबे दस्यु सरगना के कंधे पर राइफल और हाथ में हेली लाउडस्पीकर के जरिए होती थी। मलखान पर 32 पुलिस कर्मियों सहित 185 हत्याओं का आरोप था। 1980 के दशक में मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के समक्ष साथियों समेत सरेंडर करने वाले मलखान सिंह उस जमाने का सबसे डरावना नाम था। जिसके नाम से यूपी, एमपी और राजस्थान के लोग कांपते थे। मलखान सिंह ने बताया कि उन्होंने कभी निर्दोष को नहीं मारा। महिलाओं की रक्षा की। गरीब बेटियों का विवाह करवाया। मलखान का कहना था कि वे देश के बागी नहीं हैं। गांव में हुए अन्याय पर बागी बने थे। चंबल का पानी पीकर उनका भय खत्म हो गया। अन्याय के खिलाफ भगवान भी उनका साथ देता था।
बदले के बाद पहनेंगे फूलमाला
पूर्व दस्यु ने कहा कि पुलवामा की घटना के बाद से बेहद तनाव में हैं। तमाम आयोजनों में उन्होंने फूलों की माला नहीं पहनी। घोषणा की कि जब तक पुलवामा घटना का बदला न ले लिया जाएगा तब तक फूलमाला नहीं पहनेंगे। पूर्व दस्यू ने प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री से मांग करते हुए कहा कि वो हमें बार्डर पर जाने की इजाजद दें। हम सेना के साथ बार्डर पर लड़ेंगे। मलखान ने कहा कि उनके पास स्पाइनर होंगे पर मेरे पास आंख है। कहा, बंदूक का ट्रिगर दबते ही दुश्मन चंद सेकेंड में परलोक सिधार जाएगा। अभी भी भुजाएं लड़ने के लिए फड-फड़ा रही हैं।