दूसरी ओर आरोपी प्रोफेसर ने मामले में खुद को बेगुनाह बताया है। फिलहाल उसे अध्यापन कार्य से हटाकर जांच तेज कर दी गई है। आरोपी प्रोफेसर ने कई अन्य साथी प्रोफेसरों से मिलकर सभी आरोपों को बेबुनियाद और खुद के साथ षडयंत्र बताया। मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय भी सतर्क है। बुधवार को मंत्रालय ने संस्थान प्रशासन से इसकी तुरंत रिपोर्ट तलब की है। विदेश मंत्रालय की भी इसपर नजर है।
फ्रांस की छात्रा के साथ छेडख़ानी का विषय अन्य विदेशी छात्रों में भी चर्चा का विषय बन गया है। बताया जाता है कि मौजूदा समय में कुल 262 विदेशी छात्र-छात्राएं हैं। ऐसे में अब संस्थान प्रशासन इन छात्रों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने में जुटा है। खासतौर पर छात्राओं से संस्थान प्रशासन मिलकर उनकी समस्याएं पूछ रहा है। छात्राओं को यह भी कहा गया है कि किसी भी तरह की दिक्कत आने पर वह निदेशक, उपनिदेशक, डीन स्टूडेंट अफेयर से सीधे संपर्क कर सकती हैं।
कैंपस में इन दिनों इस घटना की काफी चर्चा चल रही है। बुधवार को अचानक आरोपी प्रोफेसर को लंबी छुट्टी पर भेजे जाने की चर्चा शुरू हो गई। हालांकि इंस्टीट्यूट प्रशासन ने ऐसी बात से इनकार किया है। बुधवार को कई छात्राओं के बयान दर्ज किए गए। सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच के कर्मचारियों का भी आईसीसी ने बयान लिया है।