Read-: किसान ने की अमेरिकन केसर की खेती, एक बीघे में 10 लाख का फायदा, ‘मन की बात’ से मिली प्रेरणा सत्यापन के अंतर्गत शहरी इलाकों में एसडीएम और ग्रामीण इलाकों में खंड विकास अधिकारी की जिम्मेदारी होती है। रैंडम जांच के बाद जो आवेदन फर्जी मिले हैं, उनके सत्यापन में लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और तहसीलदार की रिपोर्ट लगी है। इनमें फर्जीवाड़ा मिलने पर अब समाज कल्याण विभाग 1600 आवेदकों सहित पुराने लाभार्थियों का सत्यापन कराएगा। वहीं सीडीओ महेंद्र कुमार ने बताया कि 20 और आवेदनों की रैंडम जांच कराई जा रही है। जिसकी जिम्मेदारी अन्य विभागों के अधिकारियों को सौंपी गई है।
फर्जीवाड़े का खुलासा करने वाले जिला विकास अधिकारी जीपी गौतम और सहायक लेखाधिकारी विकास बाबू पांडेय ने बताया कि 20 हजार के अनुदान का लाभ लेने के लिए कानपुर के बर्रा 8 के निवासी प्रदीप कुमार ने पिछड़ी जाति के होने के बावजूद धोखाधड़ी कर सामान्य वर्ग में आवेदन किया है। उन्होंने बेटियों के नाम बदलकर प्रीति शर्मा और उर्मिला देवी के नाम से दो आवेदन किए हैं। धोखाधड़ी कर लाभ लेने के लिए फर्जी आधार और शादी के कार्ड बनवाकर आवेदन किए गए हैं।