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बुखार व डेंगू से जिला थर्रा गया, विभागीय जिम्मेदार झाड़ रहे पल्ला, कही ये बात

locationकानपुरPublished: Nov 17, 2019 07:30:31 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

उनसे रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बुखार व डेंगू से जिला थर्रा गया, विभागीय जिम्मेदार झाड़ रहे पल्ला, कही ये बात

बुखार व डेंगू से जिला थर्रा गया, विभागीय जिम्मेदार झाड़ रहे पल्ला, कही ये बात

कानपुर देहात-डेंगू और बुखार को लेकर एक तरफ लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। लोग डेंगू से ग्रसित अपने मरीजों को निजी अस्पताल ले जा रहे हैं। लोगों के मुताबिक जिले के सरकारी अस्पतालों में डेंगू के उचित उपचार न होने से लोग कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी जिले में डेंगू से सिर्फ 4 मौतें होने का दावा कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त रोगों पर सही रोकथाम न होने व सही आंकड़ा न पेश करने का जिम्मेदार सीएमएस को ठहराया है।
प्रेसवार्ता के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हीरा सिंह ने कहा कि जनपद में अभी तक डेंगू से केवल चार मौत ही हुई हैं। कहा कि अभी तक कुल 75 मामले बुखार संबंधी आए हैं। जिनमें से 44 कानपुर देहात के मामले हैं। वहीं 11 दूसरे जनपदों के हैं। दूसरे 11 मामले पहचान में नहीं आ सके। साथ ही जांच के लिए अभी 9 मामले गए हैं, जिनकी रिपोर्ट अभी आ नहीं सकी है। डेंगू के लिए स्वास्थ विभाग को जिम्मेदार कहने की बात पर उन्होंने सीधे तौर पर अस्पताल सीएमएस को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि बजट आता है, लेकिन सुविधाएं उन्होंने की नहीं और आंकड़े भी सही से प्रस्तुत नहीं कर सके। साथ ही उनको बताया भी नहीं गया। उनसे रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही एंटी लार्वा व डीटीटी का छिड़काव विभाग करा रहा है जिससे मच्छर जनित रोगों पर रोकथाम की जा सके। यहां पर डेंगू के लिए होने वाले एलीजा टेस्ट की सुविधा नहीं है साथ ही प्लेटलेट्स चढ़ाने की भी सुविधा न होने का दुखड़ा उन्होंने रोया। उन्होंने कहा कि एलीजा टेस्ट मेडिकल कालेज कानपुर व उर्सला अस्पताल में होता है। वहीं पर हम मरीज के खून का सैंपल भेजते हैं। वहीं से पुष्टि होने पर ही डेंगू पीड़ित होने की बात मानी जाती है। कहीं से भी अगर कोई जानकारी मिलती कि किसी गांव या क्षेत्र में कोई बीमार है तो हमारी टीम पहुंचकर वहां पर सैंपल लेने के साथ ही छिड़काव कराती है। अभी तक 203 गांव में दवाओं का छिड़काव कराया गया है।
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