क्या है पूरा मामला
महाराजपुर थानाक्षेत्र के हाथी गांव निवासी दलित किशोरी खुले में शौंच के लिए घर से गई हुई थी। जहां गांव के दबंग अनुरूद्ध कुशवाहा और अजय कुमार पहले से ही घात लगाकर किशोरी का इंतजार कर रहे थे और जैसे ही वो पास पहुंची उसे दबोच लिया। किशोरी ने चिल्लाई तो आरोपियों ने उसके मुंह में पकड़ा ठूंस कर खेत के अंदर ले गए। जहां पर आरोपियों ने किशोरी के साथ बारी-बारी से रेप किया। छात्रा ने जब विरोध किया तो आरोपियों ने उसकी बेरहमी से पिटाई की। आरोपियों की पिटाई से किशोरी बुरी तरह से जख्मी हो गई। उसे मारा समझ कर आरोपी भाग खड़े हुए। इसी दौरान एक युवती की नजर किशोरी पर पड़ी तो वो भागकर पीड़िता के घर गई और पूरी जानकारी दी। परिजन खेत से बेटी को लेकर अस्पताल पहुंचे और पुलिस को जानकारी दी।
मंत्री महाना भी करते हैं भेदभाव
गैंगरेप की घटना के बाद दलित बाहूल्य गांव के ग्रामीण आग बबूला हो गए और शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। लोगों का आरोप है कि महाराजपुर के विधायक सतीश महाना यूपी सरकार में कबिनेट मंत्री हैं, लेकिन 90 फीसदी दलित गांव का आज तक विकास नहीं कराया। गांव में गिनती के लोगों के घरों में शौंचायल बनें हैं और उनमें से कईयों में सीट व पानी की व्यवस्था नहीं है। गांव के भूपेंद्र पासवान ने बताया कि शौंचालय नहीं होने के चलते महिला, युवती, किशोरियों और बुजुर्गो को खुले में शौंच के लिए जाना पड़ता है। योगी सरकार दलितों के साथ भेदभाव कर रही है। गांव में अभी तक एक भी व्यक्ति को सरकारी आवास नहीं दिया गया। जबकि पड़ोस के अन्य गांवों में सारी सुविधाएं ग्रामीणों को मिल गई हैं।
इसलिए चंद्रशेखर को किया याद
ग्रामीण चंद्रकांत धोबी ने बताया कि यूपी में तीन बार मायावती सीएम रहीं, पर दलितों की हालत जस की तस बनी रही। मायावती ने हमारे वोटों से अपनी तिजोरी भरीं, पर 2019 में दलित बीजेपी, सपा, बसपा के बजाए अन्य दल को वोट देगा। हमने दलितों की बात उठाने वाले चंद्रशेखकर को पत्र लिखकर हाथी गांव आने का आमंत्रण दिया है। अगर वो हमारे गांव आएंगे तो सो रही योगी सरकार जरूर जागेगी। हमें भी शौंचालय, घर और बिजली मिलेगी। वहीं पूरे मामले पर सूचना पर एसपी ग्रामीण ने बताया कि अनिरूद्ध कुशवाहा और अजय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर एक अभियुक्त अजय को पड़ोस के गांव से अरेस्ट कर लिया गया है। दूसरे फरार आरोपी को दबोचने के लिए पुलिस की टीमें लगी हैं, जल्द ही वो पुलिस की गिरफ्त में होगा।
रावण को बनाया अध्यक्ष
भीम आर्मी’के मूल संस्थापक छुटमलपुर निवासी एक दलित चिंतक सतीश कुमार हैं। इस आर्मी को उनके दिमाग की उपज बताया जाता है। सतीश कुमार पिछले कई वर्षों से ऐसे संगठन बनाने की जुगत में थे, जो दलितों का उत्पीड़न करने वालों को जवाब दे सके। लेकिन, उन्हें कोई योग्य दलित युवा नहीं मिला, जो कमान संभाल सके। ऐसे में सतीश कुमार को जब चंद्रशेखर मिले, तो उन्होंने चंद्रशेखर को ‘भीम आर्मी’ का अध्यक्ष बना दिया। चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण जन्म सहारनपुर में चटमलपुर के पास धडकूलि गांव में हुआ था। उन्होंने कानून की पढ़ाई की और पहली बार 2015 में विवादों में घिरे थे। उन्होंने अपने मूल स्थान पर एक बोर्ड लगाया था, जिसमें ’धडकाली वेलकम यू द ग्रेट चमार्स’ लिखा था। इस कदम ने गांव में दलितों और ठाकुर के बीच तनाव पैदा कर दिया था। इसी के बाद चंद्रशेखर का नाम सुर्खियों में आए।