ऐसा रहा घाटमपुर सीट का इतिहास सन 1967 के चुनाव में कांग्रेस से बेनी सिंह अवस्थी विधायक चुने गए, जिन्हे खाद्य रसद, स्वायत्त शासन समेत कई विभागों के कैबिनेट की जिम्मेदारी रही। 1980 एवं 85 में चुने गए कुंवर शिवनाथ सिंह विधायक के बाद विधानसभा उपाध्यक्ष और राज्यमंत्री भी बनाए गए। रामआसरे 1977 में जेएनपी से और 1989 में जनता दल से विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद 1996 में राजाराम पाल विधायक चुनने के बाद राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त बने। वहीं 2017 में बेजोड़ लहर के साथ यहां भाजपा ने झंडा गाद दिया और कमलारानी वरुण विधायक बनीं। तो वर्तमान यूपी सरकार ने उन्हें मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी दी। विकास की पतवार लिए लोगों के सपनों को चार चांद लगाने की ख्वाहिश थी, लेकिन बीमारी की चपेट में आने से अकस्मात निधन हो गया। जिसके बाद इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया।
उपचुनाव प्रक्रिया की तारीखें 3 नवंबर को मतदान की तारीख घोषित हुई है। जिसके बाद 10 नवम्बर को चुने गए नए विधायक का नाम सामने आएगा। उपचुनाव को लेकर आचार संहिता लागू कर दी गई है। जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक घाटमपुर उपचुनाव में 9 से 16 अक्टूबर तक नामांकन पत्र भरे जाएंगे। नामांकन पत्रों की जांच 17 अक्टूबर को होने के बाद नाम वापसी 19 अक्टूबर तक होगी।