एक साल के रिसर्च के बाद मिली कामयाबी हैलट ओपीडी में सर्वाइकल के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी। इसके इलाज में मरीज लाखों रुपए खर्च कर रहे थे। मरीजों को इस बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए हैलट के न्यूरोसर्जर विभाग के डॉक्टर एक साल पहले माइक्रोस्कोपिक के जरिए ऑपरेशन करने पर रिसर्च शुरू किया।
सोमवार को इसके लिए स्पेशल ओपीडी लगाई गई। न्यूरोसर्जरी विभाग के सर्जन डॉक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इस विधि से एक वर्ष पहले कुछ मरीजों के ऑपरेशन किए गए थे, साथ ही इस पर रिर्सच भी शुरू किया गया। जिसमें कुछ विषेश तरह के मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है। रिसर्च सफल होने के बाद अब मरीजों का यहां पर मुफ्त में ऑपरेशन कर उनकी 24 घंटे के अंदर छुट्टी की जा रही है।
तो करा लें ऑपरेशन डॉक्टर मनीष सिंह ने बताया कि सर्वाइकल से पीड़ित मरीज के हाथ, पैर धीरे चलने लगे, लकवा जैसी शिकायत हो जाए यह हाथ पैरों में कमजोरी क्यों न हो जाए, ताकत कम लगे तो ऐसे मरीजों को इसका ऑपरेशन करा लेना चाहिए। क्योंकि यह समस्या आगे बढ़ सकती है। ओपीडी में ऐसे मरीजों की स्कीनिंग विशेष तकनीतिक से होती है।
डॉक्टर मनीष ने बताया कि सवाईकल से पीड़ित मरीजों की संख्या हर साल बढ़ रही है। रोजाना ओपीडी में 20 से 25 मरीज आ रहे हैं, जो रीड़ की हड्डी में दर्द से पीड़ित होते हैं। ऐसे मरीज को ऑपरेशन की सलाह दी जाती है। जो लंबे समय से दर्द से पीड़ित है और चार-पांच साल से इलाज में कोई फाएदा नहीं हुआ।
मुफ्त में किया जाता है ऑपरेशन
मुफ्त में किया जाता है ऑपरेशन
डॉक्टर मनीष ने बताया कि महागनर में वैसे इस तकनीकि से ऑपरेशन कुछ चंनिंदा प्राइवेट हॉस्पिटलों में किए जाते हैं, पर मरीजों को इसके बदले लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। हैलट में सर्वाइकल से पीड़ित मरीजों का मुफ्त में ऑपरेशन किया जाता है और महज 24 घंटे के अंदर उन्हें घर भेज दिया जाता है। डॉक्टर मनीष ने बताया कि इस विधि से ऑपरेशन के दौरान मरीज को कोई समस्या नहीं आती। डॉक्टर मनीष कहते हैं कि उर्सला सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में कुछ माह के बाद माइक्रोस्कोपिक के जरिए ऑपरेशन किए जाएंगे।