scriptथैलीसीमिया रोगियों के कानपुर छोडऩे पर शासन हुआ सख्त | Governance strict on thalassemia patients not getting blood | Patrika News

थैलीसीमिया रोगियों के कानपुर छोडऩे पर शासन हुआ सख्त

locationकानपुरPublished: May 20, 2019 12:48:57 pm

ब्लड बैंक से मांगी गई रिपोर्ट, क्यों नहीं दे पा रहे मरीजों को खून,राष्ट्रीय स्वाथ्य मिशन ने पूछा, कितना खून चाहिए और कितने मरीज

Thalassemia

थैलीसीमिया रोगियों के कानपुर छोडऩे पर शासन हुआ सख्त

कानपुर। शहर से थैलीसीमिया रोगियों के पलायन पर शासन गंभीर हुआ है। इन रोगियों के कानपुर छोड़कर दूसरे शहरों में इलाज के लिए जाने की बावत ब्लड बैंक से यह जवाब मांगा गया है कि आखिर शहर में थैलीसीमिया रोगियों को पर्याप्त खून क्यों नहीं उपलब्ध कराया जा सका। ब्लड बैंक से रोगियों की संख्या और जरूरत के मुताबिक ब्लड की उपलब्धता का ब्योरा भी तलब किया गया है।
एनएचएम ने मांगा जवाब
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक से पूछा है कि थैलीसीमिया रोगियों को ब्लड उपलब्ध कराने में क्या दिक्कत आ रही है? रोगी दूसरे शहरों में पलायन क्यों कर रहे हैं? ऐसे रोगियों को 24 घंटे ब्लड की उपलब्धता के लिए क्या व्यवस्था है? कितने यूनिट प्रति वर्ष ऐसे मरीजों को ब्लड उपलब्ध कराए जा रहे हैं? साथ ही मिशन ने निशुल्क दवाएं और ब्लड उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए हैं।
बड़ी संख्या में पलायन कर चुके मरीज
समय से खून उपलब्ध नहीं होने से थैलीसीमिया के रोगियों के दूसरे शहरों में जाने की बात सामने आते ही शासन सतर्क हो गया है। इलाज की खातिर कई परिवारों के दिल्ली और उसके आसपास शहरों में जाकर बसने की भी जानकारी के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने मेडिकल कॉलेज रक्तकोष से जानकारी चाही थी। पत्र के जरिए मिशन निदेशक ने मरीजों का ब्योरा और रक्त की उपलब्धता के बारे में जानकारी मांगी।
थैलीसीमिया रोगियों को मिला ४८३ यूनिट रक्त
इस मामले पर ब्लड बैंक प्रभारी प्रो. लुबना खान का कहना है कि प्राथमिकता के आधार पर थैलीसीमिया मरीजों को रक्त उपलब्ध कराया जाता है। बीते वर्ष 483 यूनिट रक्त थैलीसीमिया रोगियों को बगैर एक्चजेंस के उपलब्ध कराए गए हैं। ब्लड बैंक में जितने भी मरीज पंजीकृत हैं उन मरीजों के ब्लड ग्रुप के हिसाब से रोटेशन में ब्लड की उपलब्धता बनाए रखी जाती है।
बजट में अलग-अलग मद
शासन की ओर से थैलीसीमिया मरीजों के लिए उपलब्ध कराए गए बजट में खरीदारी के लिए अलग-अलग मद निर्धारित किए गए हैं। जिसमें नगर को 38 लाख 20 हजार रुपए बजट जारी किए गए थे जिसमें आयरन चिलेशन के लिए 20 लाख 40 हजार रुपए, 17 लाख रुपए ल्यूकोफिट इरेशन के लिए और 80 हजार रुपए अन्य मद के लिए जारी किए गए थे। सीएमओ को जारी पत्र में मिशन निदेशक ने तय मदों में ही खरीदारी करने के निर्देश दिए हैं।

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