विकास दुबे का साथ देकर अकूत संपत्ति कमाने वाले पुलिस कर्मियों पर शिकंजा तय, आईबी की जांच में आया सामने कानपुर देहात में रोडवेज डिपो न होने से दो वर्ष पूर्व परिवहन समस्या को लेकर लोगों ने मांग उठाई थी। जिसके बाद शासन से मंजूरी के बाद माती में 439.53 लाख की लागत से रोडवेज बस डिपो का निर्माण हो गया। फिर संचालन के लिए दिसंबर माह में 15 बसें उपलब्ध कराने के साथ ही चालकों, परिचालकों व अन्य स्टाफ की तैनाती की प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिसके बाद 14 दिसंबर को लखनऊ से आए महाप्रबंधक संचालन राजीव चौहान, सर्विस मैनेजर तुलाराम वर्मा ने स्थानीय अफसरों के साथ डिपो का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान छिटपुट खामियों के साथ ही डीजल आपूर्ति की व्यवस्था का अवरोध आड़े आया। तो अफसरों ने छिटपुट खामियों को दुरूस्त करने का निर्देश दिया था।
मगर व्यवस्था होने के बाद तत्कालीन आरएम कानपुर के सेवानिवृत्त होने के कारण एक बार फिर माती डिपो का संचालन नहीं हो पाया था। इसके बाद इटावा आरएम के पास प्रभार रहने से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। बाद में मेरठ से रीजनल मैनेजर अनिल अग्रवाल के कानपुर में कार्यभार संभालने के बाद माती डिपो के संचालन की कवायद फिर से तेज हुई थी। फिलहाल शासन की हरी झंडी मिलने के बाद अब 19 फरवरी को डिपो के संचालन का फैसला किया गया है। साथ ही रोडवेज अफसर इसकी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लग गए हैं। आरएम कानपुर अनिल अग्रवाल ने बताया कि 19 फरवरी को माती डिपो का संचालन होने के बाद कानपुर रीजन का सातवां डिपो हो जाएगा।