कानपुर

गेहूं खरीद को लेकर शासन की पैनी नजर, जिम्मेदार भी दिख रहे सक्रिय, फिर आखिर क्या है वजह

हालांकि जनपद में 9 एजेंसियों के 71 क्रय केंद्र बनाए गए हैं।

कानपुरApr 24, 2020 / 08:12 pm

Arvind Kumar Verma

गेहूं खरीद को लेकर शासन की पैनी नजर, जिम्मेदार भी दिख रहे सक्रिय, फिर आखिर क्य है वजह

कानपुर देहात-किसानों को लेकर शासन ने पूरे प्रदेश में 15 अप्रैल से गेहूं क्रय केंद्र खोलने के निर्देश जारी किए थे। साथ सभी जिलों के जिम्मेदारों को क्रय केंद्रों पर व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने के लिए निर्देशित किया था। इसके चलते कानपुर देहात में भी विभागीय सहित जिम्मेदार अफसरों ने स्थलीय निरीक्षण कर क्रय केंद्र कर्मियों को निर्देश दिए थे और लॉकडाउन के तहत पालन कराए जाने को लेकर भी कड़ी हिदायत थी। वहीं करीब 8 दिन गुजर गए लेकिन अभी भी करीब एक दर्जन क्रय केंद्रों पर खरीद शुरू नहीं हो सकी है। जबकि जनपद में कृषि विभाग में पंजीकृत 166706 किसानों को गेहूं विक्रय के लिए पंजीकरण कराने के लिए 14 मार्च को मैैैसेज भेजे गए थे। वहीं धीमी खरीद में लॉकडाउन का असर एवं पंजीकरण के धीमी गति का होना भी बताया जा रहा है।
जनपद के 59 केंद्रों पर करीब 171 किसान अपनी फसल को बेचने पहुंचे हैं। शासन ने इस वर्ष 1930 रुपए प्रति कुंतल कि दर से कानपुर देहात को 60000 एमटी गेहूं खरीदने का लक्ष्य दिया है। इसके सापेक्ष अभी तक 1.57 एमटी गेहूं खरीदा जा सका है। हालांकि जनपद में 9 एजेंसियों के 71 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। यहां तक कि झींझक पीसीएफ व सलेमपुर पीसीएफ केंद्र अभी तक क्रियाशील नहीं हो सके हैं। जबकि क्रियाशील बताए जा रहे पीसीएफ के 8, पीसीयू व एनसीसीएफ के एक एक केंद्रों पर अभी तक गेहूं खरीद नहीं हुई है। वहीं 59 केंद्रों में आठ दिनों में 941.90 मीट्रिक टन ही गेहूं खरीदा जा सका है। डिप्टी आरएमओ ने बताया कि जिलाधिकारी ने केंद्र प्रभारियों को खरीद केंद्र पर खरीद लक्ष्य में तेजी लाने के लिए निर्देश दिए हैं।
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