दवा खरीद का तरीका बदला जाएगा
शासन स्तर पर दवाओं की उपलब्धता की व्यवस्था में बदलाव करने पर मंथन हो रहा है। अब दवाएं कारपोरेशन के जरिए उपलब्ध कराई जा सकती हैं। अभी तक अस्पताल की ओर से दवाओं की खरीद हो रही है। इसके लिए शासन स्तर से वार्षिक बजट आवंटन हो रहा है। इस बार जिला अस्पतालों, सीएचसी की तर्ज पर कारपोरेशन से केन्द्रीय स्तर पर दवाओं की खरीद होगी।
शासन स्तर पर दवाओं की उपलब्धता की व्यवस्था में बदलाव करने पर मंथन हो रहा है। अब दवाएं कारपोरेशन के जरिए उपलब्ध कराई जा सकती हैं। अभी तक अस्पताल की ओर से दवाओं की खरीद हो रही है। इसके लिए शासन स्तर से वार्षिक बजट आवंटन हो रहा है। इस बार जिला अस्पतालों, सीएचसी की तर्ज पर कारपोरेशन से केन्द्रीय स्तर पर दवाओं की खरीद होगी।
बाहर से दवा खरीदते मरीज
प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या का कहना है कि कई सुपर स्पेशियलिटी बीमारियों के इलाज की दवाएं रेट कांट्रेक्ट सूची में नहीं होने से मंगाई नहीं जा सकती हैं ऐसे में मरीजों को बाहर से दवाओं की खरीदारी करनी पड़ती है। इसे देखते हुए शासन ने कारपोरेशन से दवाओं की सप्लाई करने की योजना बनाई है। शासन ने सूची दवाओं की सूची भेजी है। यह भी पूछा है कि कौन सी दवा की खपत कितनी है? ब्योरा भेजा जा रहा है।
प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या का कहना है कि कई सुपर स्पेशियलिटी बीमारियों के इलाज की दवाएं रेट कांट्रेक्ट सूची में नहीं होने से मंगाई नहीं जा सकती हैं ऐसे में मरीजों को बाहर से दवाओं की खरीदारी करनी पड़ती है। इसे देखते हुए शासन ने कारपोरेशन से दवाओं की सप्लाई करने की योजना बनाई है। शासन ने सूची दवाओं की सूची भेजी है। यह भी पूछा है कि कौन सी दवा की खपत कितनी है? ब्योरा भेजा जा रहा है।
दवाओं की नई सूची तैयार
दवाओं की खरीद से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक मेडिकल कॉलेजों में इस्तेमाल होने वाली दवाएं अलग होती हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग से अलग इसकी सूची बनी है। चिकित्सा एवं शिक्षा महानिदेशालय से सभी मेडिकल कॉलेजों से चर्चा करने के बाद सूची को अपने स्तर से जारी किया है हालांकि अभी भी संशोधन की बात कही जा रही है। दरअसल अस्पतालों में मरीजों को समय से सभी दवाएं उपलब्ध नहीं हो पाती है।
दवाओं की खरीद से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक मेडिकल कॉलेजों में इस्तेमाल होने वाली दवाएं अलग होती हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग से अलग इसकी सूची बनी है। चिकित्सा एवं शिक्षा महानिदेशालय से सभी मेडिकल कॉलेजों से चर्चा करने के बाद सूची को अपने स्तर से जारी किया है हालांकि अभी भी संशोधन की बात कही जा रही है। दरअसल अस्पतालों में मरीजों को समय से सभी दवाएं उपलब्ध नहीं हो पाती है।