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कानपुर

राज्यपाल ने जब मांगी गुरु दक्षिणा तो गूंज उठी तालियां

छात्राओं से कहा, दहेज मांगने वाले लड़के से बिल्कुल शादी न करें सीएसजेएमयू के दीक्षांत समारोह में बोलीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
 

कानपुरSep 12, 2019 / 10:27 am

आलोक पाण्डेय

CSJMU, Kanpur, Convocation

राज्यपाल ने जब मांगी गुरु दक्षिणा तो गूंज उठी तालियां

कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्र-छात्राओं से गुरु दक्षिणा मांगी तो चारो ओर तालियां बज उठीं। मांगी गई गुरु दक्षिणा पूरी करने को छात्रों में उत्साह दिखा। राज्यपाल ने खासतौर पर छात्राओं से कहा कि उन्हें दहेज का विरोध चाहिए। वहीं, लड़कियां दहेज मांगने वाले लड़के से शादी न करें। अगर कोई परिवार एक भी रुपए की मांग करता है तो तुरंत रिश्ता तोड़ दें। तब यह दहेज जैसी कुप्रथा जड़ से खत्म होगी।
प्लास्टिक मुक्ति का दिया संदेश
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि दीक्षा लेने के साथ प्लास्टिक का प्रयोग न करने की भी शपथ लें। कहा, मथुरा में प्रधानमंत्री पशुओं के मेले का उद्घाटन कर रहे हैं। जहां पशुओं का ऑपरेशन होगा। पशु सिर्फ प्लास्टिक से परेशान हैं। वे उसे खाते हैं, इससे बीमार होते हैं और उनका दूध तक बंद हो जाता है। नतीजा उनका आपरेशन होता है, जिसका खर्च सरकार करती है। सिर्फ एक प्लास्टिक की वजह से। इसलिए उसका त्याग करें।
शुरू करें गर्भ संस्कार का पाठ्यक्रम
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि मुझे लगता है कि सभी विवि में गर्भ संस्कार का पाठ्यक्रम शुरू हो और उसे छात्र-छात्राएं पढ़ें। संस्कार बचपन से मिलेंगे तो सफलता निश्चित मिलेगी। बीए, बीएससी, कम्प्यूटर साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की तरह गर्भ संस्कार का पाठ्यक्रम शुरू करना अत्यधिक जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम रामायण और महाभारत पढ़ते हैं। सुभद्रा के गर्भ मे अभिमन्यु ने चक्रव्यूह रचना सीखी, यह सभी जानते हैं।
वैज्ञानिकों ने भी किया इसे स्वीकार
राज्यपाल ने कहा कि यह कितनी हकीकत है, इस बारे में न तो हमने सोचा और न ही हमारे वैज्ञानिकों ने। मगर इस पर जर्मनी ने शोध किया। वैज्ञानिकों ने भी पाया कि गर्भ संस्कार सही है। अगर गर्भ से ही अच्छे संस्कार मिलेंगे तो वह बड़े होकर गलत काम नहीं करेगा। इसलिए विश्वविद्यालय में कोर्स शुरू करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि गुजरात में शिक्षा मंत्री के दौरान चिल्ड्रेन यूनिवर्सिटी शुरू की थी, जहां महिलाओं को गर्भवती होने के दौरान किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, योजना बनती थी, जिसे आंगनबाड़ी के जरिए गांव-गांव तक पहुंचाया जाता था। छत्तीसगढ़ में एक विवि में गर्भ संस्कारशाला शुरू की थी, जो अब भी चल रही है।

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