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हैलट अस्पताल में बड़ा फर्जीवाड़ा, मुर्दों और डिस्चार्ज मरीजों को लगा दिए रेमडेसिविर इंजेक्शन, होगी जांच

locationकानपुरPublished: Jun 13, 2021 10:40:36 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

Hallet Hospital remdesivir injection given to dead. कानपुर के हैलट अस्पताल (Halat Hospital) में संक्रमिक मरीजों (Covid Positive Patients) की मौत के बाद हंगामा हो गया है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. आरबी कमल ने हैलट की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ज्योति सक्सेना की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है।

Hallet Hospital

Hallet Hospital

कानपुर. Hallet Hospital remdesivir injection given to dead. कानपुर के हैलट अस्पताल (Hallet Hospital) में संक्रमिक मरीजों (Covid Positive Patients) की मौत के बाद हंगामा हो गया है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. आरबी कमल ने हैलट की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ज्योति सक्सेना की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। कमेटी अब यह पता लगाएगी कि कितने मुर्दों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया गया था। दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत थी। मरीजों को बाजार में आसानी से रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे थे। खुलासा हुआ है कि शासन की तरफ से हैलट को मरीजों के लिए जो रेमडेसिविर इंजेक्शन भेजे गए थे उनमें बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। तीन-चार दिन पहले मृत हो चुके लोगों के इलाज के नाम पर स्टाफ ने इंजेक्शन जारी करवा लिये गए।
सोमवार से जांच शुरू

जिन रोगियों की मौत के बाद रेमडेसिविर की मांग की गई, उन अभिलेखों को भी जांच के लिए निकलवाया गया है। फर्जीवाड़ा कितना बड़ा है इसका पता लगाया जा रहा है। अधिकारिक तौर पर मामले की रिपोर्ट बनाने के लिए प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी गई है। जांच कमेटी सोमवार से प्रक्रिया के तहत विधिवत जांच शुरू करेगी। इस फर्जीवाड़े का पता लगाने के लिए प्राचार्य ने हर उस कोविड रोगी की बीएचटी (बेड हेड टिकट) निकलवाने का आदेश किया है, जिसे रेमडेसिविर इंजेक्शन लगा था। रोगी को जिस दिन रेमडेसिविर लगा, उस दिन किस डॉक्टर ने मांगपत्र दिया था, इसका भी पता लगाया जाएगा। मांगपत्र किसी और ने लिखा और ड्यूटी डॉक्टर कोई और था तो मामला पकड़ में आ जाएगा।
कोविड अस्पताल के स्टॉक में 730 शीशीयां मिलीं

बता दें कि हाल ही में वॉर्ड बॉय को गिरफ्तार किया गया था जो रेमडेसिविर इंजेक्शन का आधा लगाकर उसे बचा लेते थे। फिर बचे हुए इंजेक्शन को बाजार में बेच देते थे। शनिवार को जांच के दौरान न्यूरो साइंसेज कोविड अस्पताल के स्टॉक में 730 शीशियां मिली। कोविड अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कुछ रोगियों को अभी रेमडेसिविर दी जा रही है। शीशीयां मिलने के बाद मिलान किया जाना है कि इन्हें किन मरीजों को देनी थी। इसके अलावा फार्मेसी विभाग के स्टाक से अभी तक अस्पताल को 2100 रेमडेसिविर की शीशियां दी गई हैं।
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