कानपुर

हैलट में भर्ती मरीज घर से मंगा रहे कूलर और पंखे

अस्पताल में एसी पड़े खराब, पंखे और कूलर का इंतजाम नहीं, जिम्मेदार रो रहे बजट न मिलने का बहाना, मरीज हो रहे बेहाल

कानपुरMay 07, 2019 / 05:35 pm

आलोक पाण्डेय

हैलट में भर्ती मरीज घर से मंगा रहे कूलर और पंखे

कानपुर। इन गर्मियों में बीमार पड़े तो हैलट मत आना और अगर आना तो पंखा और कूलर का इंतजाम खुद ही करना पड़ेगा। हैलट अस्पताल में आपको न एसी तो दूर कूलर और पंखा तक नहीं मिलेगा। यहां पर गर्मियों में मरीजों का दम घुट रहा है। हाई रिस्क वार्डों में भी एसी ठप पड़े हैं। यहां इलाज के लिए आ रहे मरीज भीषण गर्मी में और बीमार पड़ रहे हैं। ऐसे में मरीजों को अपने लिए पंखे और कूलर का इंतजाम खुद ही करना पड़ा रहा है। इस बारे में अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आर के मौर्या का कहना है कि अभी तक एसी, कूलर और पंखों की मरम्मत के लिए पैसा नहीं मजूर हुआ है।
बिजली जाने पर फूलने लगता दम
हैलट अस्पताल के कई वार्डों में खिड़कियां पूरी तरह से जाम हैं, वे खुल नहीं सकतीं। ऊपर से पंखे से नाम मात्र की हवा भी नहीं मिल रही है। पंखे इतना धीमें चलते हैं कि हवा ही नहीं लगती। कुछ मरीजों ने अपने लिए अपने खर्चे पर पंखे और कूलर का इंतजाम कर रखा है पर बार-बार होने वाली बिजली कटौती से मरीजों का दम फूलने लगता है।
मरम्मत करने वाली कंपनी ने साथ छोड़ा
अस्पताल में लगी एसी की मरम्मत के लिए जिस कंपनी को जिम्मेदारी दी गई थी उसका ३० लाख रुपया अस्पताल पर बकाया हो चुका है। पैसे का भुगतान न होने पर भी कंपनी काम कर रही थी पर जब उन्हें पता चला कि भुगतान के लिए इस मद में कोई बजट नहीं आया है तो कंपनी ने मरम्मत की जिम्मेदारी से हाथ पीछे खींच लिए। आज भी अस्पताल की ६० फीसदी एसी की सर्विस नहीं हो पायी है।
गला तर करने को पानी नहीं
गर्मियों में तो मरीजों का पहले से ही बुरा हाल था, उस पर पानी की किल्लत ने कोढ़ में खाज का काम किया है। हालत यह है कि ओपीडी में एक वाटर कूलर लगा हुआ है और इससे चार हजार मरीजों और तीमारदारों को पानी दिया जाता है, जो पूरा नहीं पड़ता और पानी को लेकर मारमारी मची रहती है।
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