यूपी के इस पहले हैपीनेस सेंटर पर छात्र-छात्राओं को इसका कोर्स भी कराया जाएगा। इस सेंटर पर सप्ताह में दो दिन शनिवार व रविवार को छात्रों को कोर्स की पढ़ाई कराई जाएगी। उन्हें खुद को और लोगों को खुश रखने के टिप्स दिए जाएंगे ताकि वे भी दूसरो का तनाव दूर करने में मदद कर सकें। बाकी दिन विवि परिसर में संचालित अन्य कोर्स के छात्र-छात्राएं तनाव या अवसाद महसूस कर रहे हैं, तो यहां आ सकेंगे। फिलहाल हैपीनेस कोर्स तमिलनाडु में चल रहा है।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय इस वर्ष कई नए कोर्स शुरू करने जा रहा है। इन्हीं में हैपीनेस का सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स भी शामिल है। इन्हें हेल्थ साइंसेज विभाग में चालू किया जाएगा। विभाग के कोआर्डिनेटर डॉ. प्रवीण कटियार ने बताया कि नए सत्र से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके दो कोर्स हैं। एक तीन माह का सर्टिफिकेट कोर्स और दूसरा छह माह का डिप्लोमा कोर्स। इसके लिए संस्थान में एक ऑडियो-विजुअल सेंटर बनेगा।
सीएसजेएमयू में शिक्षकों और छात्रों पर यह प्रयोग सफल रहा तो इसे शहरवासियों के लिए भी खोला जाएगा। जहां लोग अपनी पसंद का संगीत सुनने के साथ डांस या ऐसी ही अन्य गतिविधियों से तनाव को दूर कर सकेंगे। इसमें हैपीनेस से संबंधित पेंटिंग होगी। मनोवैज्ञानिक व मनोचिकित्सक परामर्श देने के साथ व्याख्यान भी देंगे। यूपी में यह पहला विश्वविद्यालय होगा, जहां हैपीनेस कोर्स शुरू होगा। कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने विवि परिसर में हैपीनेस सेंटर की स्थापना की जा रही है। यहां पढ़ाई के साथ विवि में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को तनाव व डिप्रेशन से बचाया जाएगा। कुछ माह तक सफल प्रयोग करने के बाद इस सेंटर को शहरवासियों के लिए भी शुरू करने का इरादा है, जिससे अधिक से अधिक लोगों को राहत मिले।