रविवार को अस्पताल में एडमिट
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को ब्लड शुगर के उच्च स्तर के कारण रविवार को लखनऊ स्थित राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टर्स ने उनके टेस्ट किए। रिपोर्ट सामान्य आने के बाद डॉक्टर्स ने मुलायम सिंह यादव को छुट्टी दे दी। पर अपने नेता की बीमारी की खबर से उनके सैकड़ों समर्थक रो पड़े। इसी बीच कठेरूआ और आपपास के सैकड़ों ग्रामीण कुड़नी हनमान मंदिर जाकर पूला-पाठ किया। समर्थकों ने भगवान बजंरग बली के दर पर माथा टेकर मुलायम सिंह को पूरी तरह से स्वस्थ्य होने की कामना की।
फिलहाल नेता जी की तबियत ठीक
समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष मुईन खान ने बताया कि मुलायम सिंह हाइपर ग्लाइसीमिया (हाइपर टेंशन) और हाइपर डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित हैं। रविवार को मुलायम सिंह यादव की तबीयत बिगड़ गई थी। दोपहर में उनका मुंह सूख रहा था और उन्हें दिक्कत महसूस हुई। जिसके बाद शाम में करीब 5 उन्हें लोहिया इंस्टिट्यूट में भर्ती करवाया गया। जांच में ब्लड शुगर हाई मिला था। फिलहाल वो पूरी तरह से ठीक हैं।
हार के बाद मुलायम सक्रिय
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में बीएसपी से गठबंधन के बावजूद समाजवादी पार्टी को मिली करारी हार के बाद से मुलायम सिंह यादव सक्रिय हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को देखते हुए मुलायम सिंह यादव ने पुत्र अखिलेश और अपने भाई शिवपाल के बीच सुलह कराने की एक बार फिर कोशिश की। पार्टी सूत्रों ने बताया कि मतभेद दूर करने के लिए पिछले कुछ दिन में मुलायम ने अखिलेश, शिवपाल और पूरे कुनबे से मुलाकात की।
अखिलेश-शिवपाल आएं साथ
बड़की यादव ने कहा कि मुलामय सिंह ने समाजवादी पार्टी की नींव रखी। गरीब, मजदूर और किसानों के मुलायम सिंह नेता थे। उनकी रैली में ग्रामीण अपने-अपने घरों में तालाबंद कर जाया करते थे। रैली के दिन गांवों में ग्रामीणों के घर पर चूल्हे नहीं जलते थे। पर अखिलेश यादव , शिवपाल यादव और प्रोफेसर रामगोपाल ने नेता जी के अलावा हमसैसे हजारों लोगों को निराश किया है। नेता जी की बीमारी की वजह कुछ हद तक सपा के नेता हैं। अखिलेश यादव अब चेत जाएं और नेता जी के बताए रास्ते पर चलते हुए शिवपाल यादव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें।