मोबाइल एप करेगा खोज
एचबीटीयू के प्रति कुलपति प्रो. मनोज शुक्ला ने बताया कि इस एप में खोए हुए बच्चे और लावारिस घूमने वाले बच्चों की फोटो रहेगी। हर कोई इसे मोबाइल पर डाउनलोड कर सकेगा। मां-बाप खोए हुए बच्चे की फोटो इस एप पर डालेंगे तो एप खुद ही उसमें स्टोर बच्चों की फोटो से उस फोटो को मैच करेगा और फोटो अपडेट करने वाली टीम के सदस्य का नंबर परिजनों को मिल जाएगा।
एचबीटीयू के प्रति कुलपति प्रो. मनोज शुक्ला ने बताया कि इस एप में खोए हुए बच्चे और लावारिस घूमने वाले बच्चों की फोटो रहेगी। हर कोई इसे मोबाइल पर डाउनलोड कर सकेगा। मां-बाप खोए हुए बच्चे की फोटो इस एप पर डालेंगे तो एप खुद ही उसमें स्टोर बच्चों की फोटो से उस फोटो को मैच करेगा और फोटो अपडेट करने वाली टीम के सदस्य का नंबर परिजनों को मिल जाएगा।
तीन छात्र कर रहे काम
प्रतिकुलपति ने बताया कि इलेक्ट्रानिक्स पाठयक्रम की अंतिम वर्ष की छात्रा शिवांगी पांडे अपने तीन अन्य साथियों के साथ इस एप पर काम कर रही हैं। इसमें फोटो मैचिंग प्रोसेसिंग का काम फाइनल है। परीक्षाएं खत्म होने के बाद इस एप को पूरा कर दिया जाएगा। इसमें तीन महीने का समय लग सकता है। जिसके बाद इसे पेटेंट भी कराया जाएगा।
प्रतिकुलपति ने बताया कि इलेक्ट्रानिक्स पाठयक्रम की अंतिम वर्ष की छात्रा शिवांगी पांडे अपने तीन अन्य साथियों के साथ इस एप पर काम कर रही हैं। इसमें फोटो मैचिंग प्रोसेसिंग का काम फाइनल है। परीक्षाएं खत्म होने के बाद इस एप को पूरा कर दिया जाएगा। इसमें तीन महीने का समय लग सकता है। जिसके बाद इसे पेटेंट भी कराया जाएगा।
इस तरह काम करेगा एप
प्रो. शुक्ला ने बताया कि कई बच्चे चौराहों, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर आवारा घूमते, भीख मांगते मिल जाते हैं। इनको अपने परिवार की कोई जानकारी नहीं होती है या फिर ये भूल चुके होते हैं। इस एप में इन बच्चों की फोटो और जानकारी रहेगी और इन्हें तलाश करने वाले परिजन जब उसकी फोटो एप पर डालेंगे तो यह एप उसकी फोटो को मैच करके जानकारी देगा। इसकी मदद से लावारिस लाशों की भी पहचान हो जाएगी।
प्रो. शुक्ला ने बताया कि कई बच्चे चौराहों, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर आवारा घूमते, भीख मांगते मिल जाते हैं। इनको अपने परिवार की कोई जानकारी नहीं होती है या फिर ये भूल चुके होते हैं। इस एप में इन बच्चों की फोटो और जानकारी रहेगी और इन्हें तलाश करने वाले परिजन जब उसकी फोटो एप पर डालेंगे तो यह एप उसकी फोटो को मैच करके जानकारी देगा। इसकी मदद से लावारिस लाशों की भी पहचान हो जाएगी।
डिवाइस बताएगी गुड एंड बैड टच
बच्चों का घरेलू यौन शोषण रोकने के लिए आईआईटी के छात्रों ने गुड एंड बैड टच डिवाइस तैयार की है। यह डिवाइस बच्चों को गुड एंड बैड टच की जानकारी देकर सतर्क करेगा। इसमें गलत बर्ताव पर डिस्प्ले और साउंड के माध्यम से अलर्ट किया जाएगा। इसे केवल २५० रुपए में तैयार किया गया है।
बच्चों का घरेलू यौन शोषण रोकने के लिए आईआईटी के छात्रों ने गुड एंड बैड टच डिवाइस तैयार की है। यह डिवाइस बच्चों को गुड एंड बैड टच की जानकारी देकर सतर्क करेगा। इसमें गलत बर्ताव पर डिस्प्ले और साउंड के माध्यम से अलर्ट किया जाएगा। इसे केवल २५० रुपए में तैयार किया गया है।