कृत्रिम तरीके से चलेगा दिल
आधुनिक जमाने की यह मशीन एक विशेष तरह का उपकरण है, जिससे मरीजों के दिल को कृत्रिम तरीके से चलाया जा सकता है। एक्मो यानि एक्सट्रा कारपोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेरेटर मशीन नाम की यह मशीन हृदय रोग संस्थान में डॉक्टरों के लिए काफी मददगार साबित होगी। अभी तक हार्ट फेल्योर रोगियों को पेसमेकर और कुछ दूसरे उपकरणों के सहारे कृत्रिम रूप से दिल को ताकत दी जाती है, ताकि दोबारा सांस लौटाई जा सके। विशेषज्ञों के मुताबिक अभी तक जो भी मशीन कृत्रिम तरीके से ब्लड प्रेशर बढ़ाने में इस्तेमाल हो रही है उसकी अपेक्षा यह अधिक प्रभावशाली है।
आधुनिक जमाने की यह मशीन एक विशेष तरह का उपकरण है, जिससे मरीजों के दिल को कृत्रिम तरीके से चलाया जा सकता है। एक्मो यानि एक्सट्रा कारपोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेरेटर मशीन नाम की यह मशीन हृदय रोग संस्थान में डॉक्टरों के लिए काफी मददगार साबित होगी। अभी तक हार्ट फेल्योर रोगियों को पेसमेकर और कुछ दूसरे उपकरणों के सहारे कृत्रिम रूप से दिल को ताकत दी जाती है, ताकि दोबारा सांस लौटाई जा सके। विशेषज्ञों के मुताबिक अभी तक जो भी मशीन कृत्रिम तरीके से ब्लड प्रेशर बढ़ाने में इस्तेमाल हो रही है उसकी अपेक्षा यह अधिक प्रभावशाली है।
फिर से काम करेगा दिल
कार्डियोलॉजी के निदेशक प्रो. विनय कृष्णा ने बताया कि बाईपास सर्जरी, वॉल्व रिप्लेसमेंट के दौरान या ऑपरेशन के बाद या हार्ट में किसी अन्य प्रोसीजर करते समय पडऩे वाले हार्टअटैक के लिए यह मशीन बेहतर साबित होती है। इससे अटैक को संभालने के लिए डॉक्टरों को समय मिल जाता है। वह दवाओं और अन्य कोशिशों के सहारे दोबारा सांस वापस कर सकते हैं। अभी तक यह मशीन प्रदेश में सिर्फ पीजीआई और डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट लखनऊ में है। कार्डियोलॉजी में इस मशीन की उपलब्धता से हार्ट फेल्योर मरीजों की मृत्यु दर में कमी लाई जा सकेगी। यहां के डॉक्टरों को इस मशीन का इंतजार है।
कार्डियोलॉजी के निदेशक प्रो. विनय कृष्णा ने बताया कि बाईपास सर्जरी, वॉल्व रिप्लेसमेंट के दौरान या ऑपरेशन के बाद या हार्ट में किसी अन्य प्रोसीजर करते समय पडऩे वाले हार्टअटैक के लिए यह मशीन बेहतर साबित होती है। इससे अटैक को संभालने के लिए डॉक्टरों को समय मिल जाता है। वह दवाओं और अन्य कोशिशों के सहारे दोबारा सांस वापस कर सकते हैं। अभी तक यह मशीन प्रदेश में सिर्फ पीजीआई और डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट लखनऊ में है। कार्डियोलॉजी में इस मशीन की उपलब्धता से हार्ट फेल्योर मरीजों की मृत्यु दर में कमी लाई जा सकेगी। यहां के डॉक्टरों को इस मशीन का इंतजार है।