rain is causing problem for people in kanpur” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/07/11/w01_4822160-m.jpg”>
पूरा शहर पानी से तर-बतर
नगर निगम प्रशासन के चलते करीब तीस लाख लोग बारिश के पानी के चलते प्रभावित हुए। नौकरीपेशा वाले लोग व स्कूली बच्चे जलभराव के जरिए कार्यालय व स्कूल पहुंचे तो वहीं ठेले के जरिए अपना पेट भरने वाले दुकानदार घरों के अंदर रहे। विभिन्न इलाकों में हुए जलभराव के बाद एक बात साफ हो गई है कि नमामि गंगे परियोजना के तहत सीवर लाइनों की हो रही सफाई में बड़ा खेल हुआ है। जो प्रोजेक्ट शहर में सीवर व जलभराव से मुक्ति के लिए था, उसका फाएदा क्यों नहीं हुआ। आशंका है कि इस परियोजना में खर्च हो रही 370 करोड़ की रकम भी डूब न जाए।
पिछली साल सड़कों में चली थीं नाव
लोगों के सामने सबसे बड़ा भय यह कि अगर बारिश इसी तरह होती रही तो कुछ ही घंटों बाद दुकानों व घरों में पानी घुस जाएगा। कई निचले मुहल्ले जलमग्न हो जाएंगे। फिलहाल सफाई न होने के चलते कूड़ा व गंदा पानी लोगों के घरों के सामने जमा है। सबसे ज्यादा भयभीत वे हैं जिनके मकान गंगा के निकारे के अलावा मकड़ीखेड़ा में बने हैं। 2018 में बारिश के चलते पूरा इलाका पानी में डूब गया था। लोग आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ा था। वकील दीप कहते हैं कि हम परिवार समेत मकड़ीखेड़ा से निकलकर अपने दोस्त के घर में शरण ले रखी है। पिछले साल से ज्यादा इस वर्ष मकड़ीखेड़ा की स्थित खराब है।
इन इलाकों में पानी ही पानी
खलासी लाइन समेत आसपास के इलाकों में भी जलभराव की समस्या से लोग परेशान हैं तो वहीं ग्रीन पार्क के आसपास पानी भर गया। घरों में पानी भर जाने से लोग कैद हो गए। सर्वोदय नगर, काकादेव, पी रोड, चावला मार्केट, गांधीग्राम, गांधीनगर, श्याम नगर, यशोदा नगर, रावतपुर, अफीम कोठी, लक्ष्मी पुरवा समेत कई इलाकों पानी भर गया। बारिश ने विभागों की लापरवाही की पोल खोल दी। आयकर भवन और उसके बाहर की सड़क जलमगन हो गई। राहगीर व वाहन सवारों को पानी के बीच से गुजरने में समस्या का सामना करना पड़ा। सबसे बड़ी समस्या से साउथ की हैं। यहां के अधिकतर इलाके जलमंग्न हैं।
विधायक ने नगर आयुक्त को दी नांव
बारिश में हुए भारी जलभराव के दौरान लोगों को हुई मुश्किलों को लेकर आर्यनगर विधायक अमिताभ बाजपेई जमकर बरसे। विधायक ने कहा कि सड़कों पर इतना जलभराव उनकी यादाश्त में कभी नहीं हुआ। नाला सफाई के कार्य को गंभीरता से नहीं लिया गया। हजारों वाहन पानी में फंस गए और लोगों के घरों और दुकानों में पानी भर गया। उनका कहना था कि हकीकत में नालों की आधी-अधूरी सफाई ही हुई। कहा कि केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना की नाकामी साबित हुई है। पाइप लाइनों में लगाया गया रोका हटाया ही नहीं गया। अधिकांश लाइनों को साफ ही नहीं किया गया। विधायक ने नगर विकास मंत्री को संबोधित एक ज्ञापन के अलावा नमामि नकामि योजना रूपी एक नाव नगर आयुक्त को सौंपी, जिसमें नाला सफाई की जांच पावर कमेटी से कराने की मांग की गई।
कांग्रेस ने कमिश्नर को दिया ज्ञापन
कांग्रेस के नगर अध्यक्ष हर प्रकाश अग्निहोत्री जलभराव को लेकर अपने समर्थकों के मंडलायुक्त से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन दिया। नगर अध्यक्ष ने कहा कि नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों ने बारिश के पहले बड़े-बड़े दावे किये गये थे। जिसमें कहा गया था कि अबकी बार जलभराव नहीं होगा लेकिन हुआ इसका उल्टा। बारिश से पूरा शहर जलमग्न हो गया और नालों से पानी नहीं निकल रहा है। ऐसे में इस भ्रष्टाचार की जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाये। नगर अध्यक्ष ने बताया कि, नालों की सफाई में पूरी तरह से लापरवाही बरती गयी है। जिससे पूरा शहर नदियों का रूप ले चुका है और सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे हुए है। जिससे बीमारियां बढ़ने की आशंका है और पोल पर लगी लाइट्स कटिया से चलाई जा रही है। जिससे पोल में करंट भी उतर आता है, सड़कें टूटी है और गड्ढों की वजह से दुर्घटना का भी खतरा रहता है पर कोई सुनवाई नहीं होती।
सड़क पर उतरे डीएम
जलभराव की समस्या के चलते डीएम विजय विश्वास सड़क पर उतरे। कई इलाकों में जाकर निरीक्षण किया। डीएम ने चौराहे, सड़क और गलियों से जल निकासी की समुचित व्यवस्था के लिए नगर निगम, जल संस्थान, जल निगम के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए 24 घंटे के अंदर समस्या से निजाद दिलाए जाने का आदेश दिया है। डीएम ने लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। जलभराव की समस्या आने पर लोग 0512-2526004-5 और 8601801104 नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस दौरान डीएम ने वीआईपी रोड, ग्वालटोली , जेके मंदिर , मरियमपुर , गोविंद नगर , साकेत नगर ,नोबस्ता , महरबान सिंह का पुरवा ,गुजैनी , किदवई नगर ,बाबू पुरवा आदि क्षेत्रों का भ्रमण किया, जहां लोगों ने नगर निगम की पोल खोल दी।
अभी और बरसेंगे मेघ
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉक्टर नौशाद खान का कहना है कि 13 जुलाई तक रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। बताया, इस वर्ष जून में बारिश उम्मीद से कम मात्र 45 मिमी ही रही थी। पर जुलाई में पिछले पांच वर्षों से चला आ रहा ट्रेंड जारी रहा। जुलाई में बुधवार दोपहर तक कुल 221 मिमी वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। अभी भी रिमझिम जारी है। जुलाई के पहले दिनों में छह रेनी डे रहे हैं। इसमें छह जुलाई को सर्वाधिक 79 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है। पिछले पांच दिनों में 210 मिमी बारिश हुई है। नौशान खान की मानें तो जुलाई में अच्छी बारिश की उम्मीद है। वर्ष 2018 में जुलाई माह में 386 मिमी बरसात हुई थी लेकिन 2019 में यह औसत से अधिक 400-430 मिमी तक पहुंच सकती है।