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विकास दुबे के दिए शस्त्र लाइसेंस रंगबाजी वसूली, पुलिस ने इनामी अभियुक्त को किया गिरफ्तार

locationकानपुरPublished: Feb 06, 2023 11:23:09 am

Submitted by:

Narendra Awasthi

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने अपने गुर्गों को शस्त्र लाइसेंस बना कर बांटा था। जिसका इस्तेमाल वह अपने काम के लिए करता था। ऐसे ही एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसके ऊपर इनाम घोषित था।

विकास दुबे के दिए शस्त्र लाइसेंस रंगबाजी वसूली, पुलिस ने इनामी अभियुक्त को किया गिरफ्तार

विकास दुबे के दिए शस्त्र लाइसेंस रंगबाजी वसूली, पुलिस ने इनामी अभियुक्त को किया गिरफ्तार

बिकरू कांड के मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का दाहिना हाथ कहे जाने वाले गुर्गे को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके ऊपर 25 हजार रुपए का इनाम था। बताया गया कि विकास दुबे ने ही उसे राइफल का लाइसेंस बनवा कर दिया था। जिसके बाद वह अपराध की दुनिया में शामिल हुआ।

एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने गिरफ्तारी के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त उमेश त्रिवेदी पुत्र रूपनारायण त्रिवेदी को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया है। जिसके पास से अवैध असलहा और जिंदा कारतूस बरामद हुआ है। उमेश त्रिवेदी के ऊपर 2022 में रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की गई थी। पुलिस ने कई बार गिरफ्तार करने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली थी।

सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद चर्चा में आया था बिकरू गांव

कानपुर देहात के शिवली थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। 2 जुलाई 2020 को हुई घटना के समय पुलिस गांव में दबिश देने के लिए गई थी। विकास दुबे और उसके गुर्गों के फायरिंग की चर्चा प्रदेश में ही नहीं देश में हुई थी।

इस घटना के बाद पुलिस ने विकास दुबे सहित उसके करीबियों को या तो एनकाउंटर में मार गिराया या फिर जेल में बंद कर दिया। उमेश त्रिवेदी भी विकास दुबे से जुड़ा हुआ था।

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने बड़ी संख्या में शस्त्र लाइसेंस बनाकर अपने गुर्गों को बांटा था

उमेश त्रिवेदी का चचेरा भाई गुड्डन त्रिवेदी उर्फ अरविंद त्रिवेदी निवासी कुढ़वा इस समय माती जेल में बंद है। जो जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है। विकास दुबे ने अपनी दबंगई और अराजकता के दम पर बड़ी संख्या में शस्त्र लाइसेंस बनवाकर अपने गुर्गों के बीच बांट दिया था। जिनका इस्तेमाल विकास दुबे की गैंग में होता था।

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बिकरू कांड होने के बाद उमेश त्रिवेदी अंडरग्राउंड हो गया। 2022 में उस समय एक बार फिर चर्चा में आया। जब उसने गांव के ही लोगों से रंगदारी मांगी। मुकदमा दर्ज होते ही एक बार फिर उमेश द्विवेदी पर अंडरग्राउंड हो गया। जिसे शिवली पुलिस ने सोमवार को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया।

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