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यहां स्कूल के बच्चों में जागी है मोदी के स्वच्छता अभियान की अलख, लेकिन शिक्षक हैं बेपरवाह

locationकानपुरPublished: Dec 17, 2018 10:43:44 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

इन स्कूलों में शौचालयों की स्थिति दयनीय होने के कारण बच्चों को खुले में शौच जाना पड़ रहा है। शौंचालय दरवाजा विहीन है, इसकी वजह से बच्चे या तो पर्दा लगाकर शौंच जाते हैं

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यहां स्कूल के बच्चों में है मोदी के स्वच्छता की अलख, लेकिन शिक्षक हैं बेपरवाह

कानपुर देहात-प्रधानमंत्री भले ही स्वच्छता अभियान चलाकर सभी विद्यालय व घरों में शौचालय बनवाकर स्वच्छ भारत की कल्पना कर रहे हों, लेकिन लोग सुधरने का नाम ही नही ले रहे हैं। ऐसा ही हाल कानपुर देहात के मलासा ब्लाक के कई परिषदीय विद्यालयों का है, जहां शौचालयों की स्थिति दयनीय होने के कारण बच्चों को खुले में शौच जाना पड़ रहा है। दरअसल शौंचालय दरवाजा विहीन है। इसकी वजह से बच्चे या तो पर्दा लगाकर शौंच जाते हैं या फिर खुले में शौंच के लिए जाते हैं, जो एक विकट समस्या है।
कानपुर देहात के मलासा विकास खंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय जगदीशपुर की स्थितियां ऐसी हैं कि वहां बने शौचालय में दरवाजे नहीं है। इसके चलते बच्चों को दरवाजे में कपड़े का पर्दा टांगकर शौच करना पड़ता है। इसी ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय डुड़ियामऊ, मुड़ेरा, प्राथमिक विद्यालय उमरिया, फर्जाबाद, दुलीचंद्रपुर आदि विद्यालयों में शौचालय जर्जर होने के कारण उपयोगहीन हैं। इससे बच्चों को खुले में शौंच जाना पड़ रहा है। उच्च प्राथमिक विद्यालय जगदीशपुर के प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि शौचालय के दरवाजे टूटे होने की सूचना विभागीय अधिकारियों व ग्राम प्रधान को दी गई है, लेकिन विभाग व ग्राम पंचायत की ओर से शौचालयों में दरवाजे न लगाने के कारण बच्चों को दरवाजे पर पर्दा लगाकर शौचालय का इस्तेमाल करना पड़ता है। जबकि उच्च प्राथमिक विधालय के बच्चों के लिये यह मुमकिन नही है फिर भी जिम्मेदार लापरवाह बने हुये हैं।
खंड विकास अधिकारी अरुणोदय सचान ने बताया कि विद्यालयों में शौचालय बनवाने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की है। जर्जर शौचालयों के स्थान पर नए शौचालय बनवाने व दरवाजे आदि लगाकर मरम्मत कराने के लिए विद्यालयों की सूची भेजी गई है। मलासा के एडीओ पंचायत रामप्रकाश पाठक ने बताया कि सभी पंचायत सचिवों को विद्यालयों में शौचालयों की व्यवस्था दुरुस्त कराने के निर्देश दिए गए हैं। मार्च माह तक विद्यालयों के शौचालय दुरस्त करा दिए जाएंगे।
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