शहर के 6000 सफाई कर्मियों, सफाई निरीक्षकों और सफाई नायकों को यह घड़ी दी जाएगी। इसके लिए महापौर प्रमिला पाण्डेय के निर्देश पर नगर निगम ने बेंगलुरु की कंपनी से वार्ता की है। महापौर के सामने कंपनी ने अपना प्रेजेंटशन भी दे दिया है। सफाई के नाम पर रोजाना होने वाले खेल और कमीशनबाजी से भी यह घड़ी मुक्ति दिलाएगी क्योंकि जो सफाई नहीं करेंगे, वेतन नहीं पाएंगे।
महापौर के मुताबिक इस घड़ी में कई स्मार्ट फीचर्स हैं। मसलन ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम के जरिए यह पता चलता रहेगा कि सफाई कर्मी की लोकेशन किस वक्त कहां है। झाड़ू लगाते वक्त घड़ी के जरिए फोटो भी खींची जा सकती है और वीडियो भी बनाई जा सकती है। फोटो और वीडियो लोकेशन के साथ नगर निगम के कंट्रोल रूम में पहुंच जाएंगे। मूवमेंट का भी पता चलेगा, यानि इस बात की भी तस्दीक हो जाएगी कि झाड़ू सिर्फ दिखावे के लिए लगाई गई या पूरे बीट पर ठीक से सफाई हुई है।
सफाई कर्मचारियों के साथ अक्सर दबंग लोग भिड़ जाते हैं और विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसी सूरत में यह घड़ी कर्मचारियों के लिए मददगार भी साबित होगी। इसमें एक बटन ऐसा होगा जिसकी कनेक्टिविटी संबंधित वार्ड के पार्षद, सफाई नायक और सफाई निरीक्षक के मोबाइल फोन से होगी। विवाद की स्थिति में जैसे ही सफाईकर्मी इस बटन को दबाएंगे, एक साथ तीन लोगों के मोबाइल फोन की घंटी बजने लगेगी। घड़ी में ही कॉल रिसीव करने की भी सुविधा होगी। यानि, मौके पर ही सफाईकर्मी बता सकेंगे कि कहां सफाई करने में दिक्कत आ रही है। ऐसे में पार्षद, सफाई निरीक्षक और सफाई नायक मौके पर पहुंच सकते हैं।