इस बात की जानकारी पिछले दिनों ट्रैफिक लाइन में आयोजित एक वर्कशॉप में इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजूकेशन, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रोहित बलूजा ने दी. इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि 2016 में यूपी में दुर्घटना में 19320 लोगों की मौत हुई थी, जोकि 2017 में बढ़ कर 20124 हो गई हैं. वर्कशॉप में एसपी ट्रैफिक सुशील कुमार, एआरटीओ आदित्य त्रिपाठी, प्रभात पांडेय, आरटीओ पीके सिंह, एसपी साउथ रवीना त्यागी, एनएचआई निदेशक पुरुषोत्तम लाल चौधरी समेत आला अफसर उपस्थित रहे.
वर्कशॉप में डॉ. रोहित बलूजा के साथ आए डॉ. सेवाराम ने कहा कि कानपुर के प्रमुख झकरकटी, जरीब चौकी, फजलगंज, दादानगर, कल्याणपुर रेलवे क्रासिंग में लगने जाम से कानपुराइट्स को राहत दिलाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि चौराहों की स्टडी करने से पता चला है कि नगर निगम के माध्यम से इन चौराहों पर छोटे-मोटे सुधार कर यातायात व्यवस्था में सुधार लाया जा सकता है. इसके लिए उन्होंने नगर निगम व केडीए अधिकारियों को कुछ गाइडलाइंस भी दी.
प्राप्त आंकड़ो से पता चला है कि 2017 में सड़क दुर्घटना में करीब 20124 लोगों की मौत हुई. इसके बाद 2016 में ऐसी दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या 19320 हुई. बताया गया है कि इनमें से 13 प्रतिशत दुर्घटनाएं गलत दिशा में चलने की वजह से हुईं. वहीं 37 प्रतिशत दुर्घटनाओं का कारण ओवर स्पीड बना. इसके बावजूद लोगों ट्रैफिक नियमों का पालन न करते हुए अभी भी फर्राटा भरते नजर आ जाते हैं.