10 मीटर गहराई तक जमीन के भीतर पड़ेगा पाइप बताया गया कि ईस्ट कैंपस में बने शताब्दी स्तंभ केंद्र बिंदु पर दस मीटर गहराई तक जमीन के भीतर पाइप पड़ेगा। पाइप के अंदर गनमेटल से बना कैप्सूल डाला जाएगा। साढ़े तीन मीटर चौड़े और करीब 12 मीटर की परिधि वाले स्तंभ में जाने के लिए सीढ़ियां लगी हैं। कुलसचिव नीरज सिंह ने बताया कि कैप्सूल की बाहरी सेल का वजन 300 किलो व इनर सेल का वजन 100 किलो है।
जमीन की नमी बढ़ने पर कैप्सूल नीचे होता जाएगा एचबीटीयू संस्थान की उपलब्धियों का ब्यौरा इसी इनर सेल में सुरक्षित किया जाएगा। इसके बाद उसमें नाइट्रोजन गैस भरी जाएगी, जिससे नाइट्रोजन के प्रभाव से लंबे समय तक जमीन के अंदर दस्तावेजों की सॉफ्ट और हार्ड कॉपी सुरक्षित बनी रहे। उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे जमीन में नमी बढ़ेगी, वैसे-वैसे कैप्सूल और नीचे होता जाएगा। यह कैप्सूल पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में तैयार किया गया है।
पुस्तक का किया जाएगा विमोचन कार्यक्रम में सौ के सिक्के, वेस्ट कैंपस और संस्थान के 100 साल इतिहास को दर्शाती पुस्तक का विमोचन भी किया जाएगा। वेस्ट कैंपस में चार करोड़ 97 लाख की कीमत से बने मल्टीपरपज हॉल का भी शुभारंभ होगा। राष्ट्रपति के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी बड़ी स्क्रीन पर होगा।