किराए के मकान में रूके थे आतंकी
चेकेरी के अहिरवां स्थित एक मकान से यूपी एटीएस ने छापा मारकर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरुज्जमां उर्फ कमरुद्दीन उर्फ डॉ. हुरैरा को गिरफ्तार किया था। आतंकी ने पूछताछ के दौरान शहर के सबसे एतिहासिक गणेश मंदिर को उड़ाए जाने का खुलासा किया था। साथ ही अपने तीन अन्य आंतकी साथी ओसामा बिन जावेद, जहांगीर और हजारी उर्फ रियाज अहमद के नाम भी बताए थे। ओसामा बिन जावेद अन्य आतंकियों के साथ कानपुर में रूककर रेकी के साथ आतंवादी वारदात को अंजाम देने के लिए प्लाॅन बनाया था। पर कमरुज्जमा के पकड़े जाने के बाद उसकी रणनीति फेल हो गई और वह फरार होने में कामयाब रहा था।
बटोल में ढेर
पुलिस के मानें दो दिन पूर्व जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के बटोल में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारे गए आतंकी की पहचान ओसामा बिन जावेद के रूप में हुई। उसी ने रेकी के बाद जम्मू से हथियारों की खेप कमरुज्जमां को पहुंचाने की तैयारी की थी लेकिन कमरुज्जमां के पकड़े जाने के बाद वह कानपुर से ही फरार हो गया था। इस बाबत एनआईए कोर्ट को भी जानकारी दी गई है। ओसामा मुख्य साजिशकर्ता था और कानपुर के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में अपना नेटवर्क खड़ा कर रहा था। कमरूद्दीन के खुलासा के बाद एनआईए ने कमरूद्दीन, ओसामा, जहांगीर और हजारी उर्फ रियाज अहमद समेत चार आतंकियों के खिलाफ लखनऊ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
किश्तवाड़ का रहने वाला था ओसामा
ओसामा कश्मीर के किश्तवाड़ का रहने वाला था और इसके पिता टीचर थे। जबकि जहांगीर और हजारी भी कश्मीर के रहने वाले हैं। इनके खिलाफ एनआईए कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया था। एनआईए जल्द ही सेना के साथ कश्मीर जाकर कुर्की की कार्रवाई भी करने वाली थी। एनआईए की पूछताछ में कमरूद्दीन ने बताया था कि हिजबुल की धमाकों की योजना को अंजाम देने का मास्टरमाइंड ओसामा ही था। जिस शहर में धमाका करना होता था, वहां जाकर पूरी रूपरेखा तैयार करता था। सारी तैयारियों का जायजा लेता था। उसकी हरी झंडी मिलने के बाद ही आतंकी धमाका करते थे। कानपुर में भी धमाके की पूरी योजना ओसामा ने फाइनल की थी।