कानपुर समेत इन जिलों में लागू होगी व्यवस्था
गृहकर जमा करने की नई व्यवस्था को पहले चरण में 15 नगर निगमों अलीगढ़, मेरठ, आगरा, कानपुर, गोरखपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ, झांसी, सहारनपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद और बरेली में लागू करेगा। अयोध्या और वृंदावन-मथुरा नगर निगम में यह व्यवस्था बाद में लागू की जाएगी। शासन का मानना है कि इस नई व्यवस्था के बाद गृहकर निर्धारण और वसूली में होने वाला घालमेल काफी हद तक रुकेगा। मकान मालिका द्वारा दी गई फोटो और नगर निगम से मौके पर जाकर खिंचाई गई फोटो से गृहकर तय होने की हकीकत का पता चलेगा।
गृहकर जमा करने की नई व्यवस्था को पहले चरण में 15 नगर निगमों अलीगढ़, मेरठ, आगरा, कानपुर, गोरखपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ, झांसी, सहारनपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद और बरेली में लागू करेगा। अयोध्या और वृंदावन-मथुरा नगर निगम में यह व्यवस्था बाद में लागू की जाएगी। शासन का मानना है कि इस नई व्यवस्था के बाद गृहकर निर्धारण और वसूली में होने वाला घालमेल काफी हद तक रुकेगा। मकान मालिका द्वारा दी गई फोटो और नगर निगम से मौके पर जाकर खिंचाई गई फोटो से गृहकर तय होने की हकीकत का पता चलेगा।
देनी होगी पूरी जानकारी
नए नियम के अनुसार अब नई गृहकर रसीद में मकान से संबंधित सभी जानकारियां दी जाएंगी। यह रसीद कंप्यूटर पेपर ए फोर पर अब होगी। इसमें मकान मालिक का नाम, वार्ड संख्या और पूरा पता होगा। इसके दूसरी तरफ मकान की फोटो होगी। इसके बाद 16 कालम बनाते हुए पूरी जानकारी दर्ज की जाएगी। प्रापर्टी की पहचान संख्या, भवन क्रमांक, कुल जमीन, भवन का प्रकार, निर्मित क्षेत्रफल, कुल क्षेत्रफल, सडक़ की चौड़ाई जिस पर मकान बना हुआ है।
नए नियम के अनुसार अब नई गृहकर रसीद में मकान से संबंधित सभी जानकारियां दी जाएंगी। यह रसीद कंप्यूटर पेपर ए फोर पर अब होगी। इसमें मकान मालिक का नाम, वार्ड संख्या और पूरा पता होगा। इसके दूसरी तरफ मकान की फोटो होगी। इसके बाद 16 कालम बनाते हुए पूरी जानकारी दर्ज की जाएगी। प्रापर्टी की पहचान संख्या, भवन क्रमांक, कुल जमीन, भवन का प्रकार, निर्मित क्षेत्रफल, कुल क्षेत्रफल, सडक़ की चौड़ाई जिस पर मकान बना हुआ है।
किराएदारों के लिए यह नियम
इसके साथ ही अगर मकान किराए पर है तो उसकी जानकारी, भवन का वार्षिक मूल्यांकन, छूट का विवरण, इसके बाद वार्षिक मूल्यांकन होगा। इसके नीचे वास्ताविक गृहकर, सीवर कर और जलकर में लिए जाने वाले पैसे का ब्यौरा होगा। प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि गृहकर रसीद में भवन की फोटो की अनिवार्यता होने के बाद राजस्व निरीक्षक कर निर्धारण में हेराफेरी नहीं कर पाएगा। गड़बड़ी तुरंत पकड़ में आ जाएगी। इससे गृहकर की वसूली बढ़ेगी और इसके नाम पर होने वाली गड़बड़ी पर भी रोक लगेगी।
इसके साथ ही अगर मकान किराए पर है तो उसकी जानकारी, भवन का वार्षिक मूल्यांकन, छूट का विवरण, इसके बाद वार्षिक मूल्यांकन होगा। इसके नीचे वास्ताविक गृहकर, सीवर कर और जलकर में लिए जाने वाले पैसे का ब्यौरा होगा। प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि गृहकर रसीद में भवन की फोटो की अनिवार्यता होने के बाद राजस्व निरीक्षक कर निर्धारण में हेराफेरी नहीं कर पाएगा। गड़बड़ी तुरंत पकड़ में आ जाएगी। इससे गृहकर की वसूली बढ़ेगी और इसके नाम पर होने वाली गड़बड़ी पर भी रोक लगेगी।