रंग के चलते हुआ विवाद
महाराजपुर थाना क्षेत्र के बैजा खेड़ा गांव में शुक्रवार की शाम कुछ युवक हाथों में रंग लेकर विजय के घर में आ धमके और उसकी पत्नी रीना को रंग लगा दिया। जिससे विजय भड़क गया और युवकों को अपशब्द कह कर घर से बाहर निकाल दिया। कुछ देर बाद सभी युवक अस्त्रों से लैस होकर वापस आये और उन्होने दम्पत्ति को पीटना शुरू कर दिया। अचानक हुए इस हमले से गांव हड़कंप मच गया। विजय के पिता रतिराम, चाची उषा और पड़ोसी सोनू बचाने दौड़े तो सभी को पीटपीट कर बेदम कर दिया । ग्रामीणों से सूचना मिलने पर पुलिस गाॅव में पहुॅची और उसने सभी पांचों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां विजय और उसकी पत्नी रीना की मौत हो गयी । जबकि उषा की हालत गंभीर बनी हुई है।
मौके पर पहुंचे अलाधिकारी
आईजी आलोक सिंह, एसएसपी अनंत देव, एसपी ग्रामीण प्रद्यु्म्न सिंह फोर्स के साथ अस्पताल व घटनास्थल पहुंचे। विजय की मां अनंती देवी ने बताया कि शाम लगभग 5 बजे गांव के शिवबालक निषाद का बेटा समर नशे में धुत साथी पिंटू के साथ घर आया। पति रतिराम दरवाजे पर बैठे थे। समर ने उनसे बहू रीना को रंग लगाने की बात कही तो उन्होंने विरोध किया। इस पर अमर पति को धक्का देकर जबरन घर में घुस आया और रीना को रंग लगा दिया। बेटे ने विरोध किया तो उसे पीटने लगा। हमसब ने जब विरोध किया तो वो घर से चला गया।
असलहों के साथ आ धमका
कुछ देर के बाद समर पिता शिवबालक, भाई विजय, अजय, धर्मेंद्र और दो ममेरे भाइयों के साथ हमारे घर आ धमका। डंडे और धारदार हथियार से बेटे विजय प्रकाश, बहू रीना और पति रतिराम को पीटना शुरू कर दिया। देवरानी ऊषा देवी और चचेरे देवर छेदीलाल का बेटा सोनू पहुंचा तो उन्हें भी पीटकर लहूलुहान कर दिया। करीब आधे घंटे तक तांडव चलता रहा, लेकिन कोई भी बचाव को आगे नहीं आया।
तो बच जाती जान
विजय की मां अनंती देवी ने बताया कि पड़ोस के लोगों ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन वो पूरे एक घंटे के बाद मौके पर आई। यदि पुलिस समय से आ जाती तो मेरा बेटा व बहू शायद जिंदा होते। पुलिस ने ायलों को कांशीराम ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया, जहां पर विजय किशोर और रीना को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। एसएसपी अनंत देव तिवारी ने बताया किएक आरोपी अमर को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।