नाक के रोम जैसे माइक्रोपिलर रोकेंगे प्रदूषण
आईआईटी में बने इस फिल्टर में संरचनात्मक अवयव नाक की तरह रखे गए हैं। जिस प्रकार नाक में म्यूकस फ्लूड रहता है, उसी प्रकार इस फिल्टर में एनामेट फ्लूड और नाक के बाल अथवा रोम की तर्ज पर माइक्रो पिलर हैं। यह फिल्टर आइआइटी के सिडबी इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर के रिसर्च एस्टेब्लिशमेंट ऑफिसर और बायो टेक्नोलॉजी टेक्नोक्रेट रवि पांडेय ने बनाया है। उन्होंने इसे एंटीपॉल्यूशन एंटीबैक्टीरियल नजल ब्रीथिंग फिल्टर नाम दिया है।
आईआईटी में बने इस फिल्टर में संरचनात्मक अवयव नाक की तरह रखे गए हैं। जिस प्रकार नाक में म्यूकस फ्लूड रहता है, उसी प्रकार इस फिल्टर में एनामेट फ्लूड और नाक के बाल अथवा रोम की तर्ज पर माइक्रो पिलर हैं। यह फिल्टर आइआइटी के सिडबी इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर के रिसर्च एस्टेब्लिशमेंट ऑफिसर और बायो टेक्नोलॉजी टेक्नोक्रेट रवि पांडेय ने बनाया है। उन्होंने इसे एंटीपॉल्यूशन एंटीबैक्टीरियल नजल ब्रीथिंग फिल्टर नाम दिया है।
रोकेगा हवा में घुले हानिकारक तत्व
इस फिल्टर को नाक पर लगाने के बाद भी पूरी सांस ली जा सकेगी। इसे लगाने के बाद मनुष्य के शरीर की आवश्यकता के अनुसार 12 से 15 लीटर प्रति मिनट की दर से सांस ली जा सकती है। इसे केवल नाक पर लगाया जाता है, इसलिए आसानी से बात कर सकते हैं। इसमें लगे माइक्रो पिलर की चार लेयर बैक्टीरिया, पीएम-1 (अति सूक्ष्म धूल कण) पार्टिकल व हानिकारक तत्वों को फंसाकर रोक लेती है और नाक में नहीं घुसने देती है। एक नजल फिल्टर 45 दिन तक चलेगा। यातायात पुलिस के लिए यह काफी लाभदायक होगा।
इस फिल्टर को नाक पर लगाने के बाद भी पूरी सांस ली जा सकेगी। इसे लगाने के बाद मनुष्य के शरीर की आवश्यकता के अनुसार 12 से 15 लीटर प्रति मिनट की दर से सांस ली जा सकती है। इसे केवल नाक पर लगाया जाता है, इसलिए आसानी से बात कर सकते हैं। इसमें लगे माइक्रो पिलर की चार लेयर बैक्टीरिया, पीएम-1 (अति सूक्ष्म धूल कण) पार्टिकल व हानिकारक तत्वों को फंसाकर रोक लेती है और नाक में नहीं घुसने देती है। एक नजल फिल्टर 45 दिन तक चलेगा। यातायात पुलिस के लिए यह काफी लाभदायक होगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने दिया दस लाख का अनुदान
रवि पांडेय ने बताया कि नजल फिल्टर बनाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत निधि प्रयास ने दस लाख रुपये का अनुदान दिया है। इसकी तकनीक पेटेंट कराई जा चुकी है। प्रोटोटाइप तैयार कराकर बल्क मैन्यूफैक्चरिंग की तैयारी की जा रही है। विभाग ने इसके लिए 12 महीने का समय दिया है।
रवि पांडेय ने बताया कि नजल फिल्टर बनाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत निधि प्रयास ने दस लाख रुपये का अनुदान दिया है। इसकी तकनीक पेटेंट कराई जा चुकी है। प्रोटोटाइप तैयार कराकर बल्क मैन्यूफैक्चरिंग की तैयारी की जा रही है। विभाग ने इसके लिए 12 महीने का समय दिया है।