१९८५ में किया था बीटेक
डॉ. अरविंद कृष्ण ने १९८५ में आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। आईबीएम का सीईओ बनाए जाने पर संस्थान के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर, उपनिदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल समेत सभी प्रोफेसरों ने ट्वीर्ट कर अपनी खुशी जाहिर की है। डॉ. अरविंद कृष्ण को इसी वर्ष संस्थान का सबसे प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार २०१९ भी दिया गया है।
डॉ. अरविंद कृष्ण ने १९८५ में आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। आईबीएम का सीईओ बनाए जाने पर संस्थान के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर, उपनिदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल समेत सभी प्रोफेसरों ने ट्वीर्ट कर अपनी खुशी जाहिर की है। डॉ. अरविंद कृष्ण को इसी वर्ष संस्थान का सबसे प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार २०१९ भी दिया गया है।
इस क्षेत्र में हासिल की उपलब्धि
डॉ. अरविंद कृष्ण ने १९९१ में अमेरिका के अर्बानाशैम्पेन के इलिनोइस विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी की। वर्तमान में वे आईबीएम में क्लाउड एंड कॉग्निटिव सॉफ्टवेयर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष की भूमिका में हैं। डॉ. अरविंद ने वायरलेस नेटवर्किंग, सुरक्षा, सिस्टम और डेटाबेस के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। आईबीएम में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम कम्प्यूटिंग, ब्लॉकचेन, क्लाउड प्लेटफॉर्म सेवा, नैनोटेक्नोलॉजी जैसी तकनीक के पीछे डॉ. अरविद कृष्ण की बड़ी भूमिका है।
डॉ. अरविंद कृष्ण ने १९९१ में अमेरिका के अर्बानाशैम्पेन के इलिनोइस विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी की। वर्तमान में वे आईबीएम में क्लाउड एंड कॉग्निटिव सॉफ्टवेयर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष की भूमिका में हैं। डॉ. अरविंद ने वायरलेस नेटवर्किंग, सुरक्षा, सिस्टम और डेटाबेस के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। आईबीएम में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम कम्प्यूटिंग, ब्लॉकचेन, क्लाउड प्लेटफॉर्म सेवा, नैनोटेक्नोलॉजी जैसी तकनीक के पीछे डॉ. अरविद कृष्ण की बड़ी भूमिका है।
अमेरिका में भी नाम कमाया
आईआईटी के पूर्व छात्र डॉ. अरविंद कृष्ण के नाम १५ पेटेंट हैं। वे न्यूयार्क हॉल ऑफ साइंस के न्यासी बोर्ड के सदस्य हैं। प्रो. करंदीकर ने ट्वीट कर खुशी जाहिर करते हुए लिखा कि नवंबर २०१९ में न्यू जर्सी में डॉ. अरविंद से मुलाकात हुई थी। उन्होंने संस्थान के छात्रों के बेहतर भविष्य और यहां होने वाले शोध को लेकर भी चर्चा की थी। डॉ. अरविंद कृष्ण खुद भी आईबीएम में सीईओ बनाए जाने को लेकर खासे उत्साहित हैं।
आईआईटी के पूर्व छात्र डॉ. अरविंद कृष्ण के नाम १५ पेटेंट हैं। वे न्यूयार्क हॉल ऑफ साइंस के न्यासी बोर्ड के सदस्य हैं। प्रो. करंदीकर ने ट्वीट कर खुशी जाहिर करते हुए लिखा कि नवंबर २०१९ में न्यू जर्सी में डॉ. अरविंद से मुलाकात हुई थी। उन्होंने संस्थान के छात्रों के बेहतर भविष्य और यहां होने वाले शोध को लेकर भी चर्चा की थी। डॉ. अरविंद कृष्ण खुद भी आईबीएम में सीईओ बनाए जाने को लेकर खासे उत्साहित हैं।