इसे तैयार करने वाली संस्था इनक्यूबेटर एअर्थ का दावा है कि ‘एंटीमाइक्रोबियल एयर प्यूरीफायर’ हवा में किसी भी प्रकार के किटाणु, वायरस, फंगस, बैक्टिरिया को डिएक्टिवेट करने में पूरी तरह सक्षम है। यह 600 वर्ग गज की हवा को वायरस और बैक्टीरिया से मुक्त रखता है। इसे आईआईटी के वैज्ञानिकों की देखरेख में तैयार किया गया है।
एअर्थ कंपनी के सीईओ रवि कौशिक ने बताया कि अस्पतालेां में मरीजों के आसपास की हवा को कीटाणुमुक्त करना अस्पताल के लिये सबसे बड़ी समस्या होती है। अस्पताल के पास बैक्टीरिया केा हवा में मारने के दो तरीके ही होते हैं। यूवी लाइट्स या फिर केमिकल का स्प्रेट। पर इन दोनों तरीकोंक का इस्तेमाल तभी किया जा सकता है जब वहां कोई मौजूद न हो, क्योंकि ये नुकसानदेह हो सकते हैं। आईआईटी कानपुर और आईआईटी बाॅम्बे ने इसको ध्यान में रखते हुए एंटीमाइक्रोबियल एयर प्यूरिफायर तैयार किया है।
उन्होंने बताया कि यह फंगस, बैक्टीरिया या वायरस केा रियल टाइम डिएक्टिवेट करने में सक्षम है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे पूरे समय अपने आसपास इस्तेमाल किया जा सकता है। मानव शरीर पर इसका कोई बुरा असर नहीं पड़ता। यह पूरी तरह से सुरक्षित है।
दूसरे एयर प्यूरीफायर से है अलग
एंटीमाइक्रोबियल एयर प्यूरीफायर किसी भी आम एयर प्यूरीफायर से बिलकुल अलग है। दूसरे एयर प्यूरीफायर एक कैप्चर मैकेनिजम पर काम करताे हैंँ, जिसमें एक फिल्टर यूज करते हैं। हालांकि फिल्टर में कैप्चर कीटाणु वहां से बाहर भी निकल सकता है। पर एंटीमाइक्रोबियल एयर प्यूरीफायर एक अलग प्रक्रिया पर काम करता है।
ऐसे काम करता है
यह तीन स्टेप में काम करता है। पहले स्टेप में यह कीटाणुओं को डिएक्टिवेट करता है। जब एंटीमाइक्रोबियल एयर प्यूरीफायर में आते हैं, उनका डिएक्टिवेशन शुरू हो जाता है। दूसरे स्टेप में किटाणु स्पेशल फिल्टर में कैप्चर होते हैं। तीसरे स्टेप में सिस्टम दोबरा से वायरस और कीटाणुओं को डिएक्टिवेट करता है। कंपनी का दावा है कि एंटीमाइक्रोबियल एयर प्यूरीफायर की टेस्टिंग दो अलग-अलग लैब में की गई है। जिसमें पाया गया कि कोरोना वायरस और फंगल जैसे छोटे पार्टिकल को भी डिएक्टिवेट कर सकते हैं। हमारे आसपास की हवा 99 फीसदी शुद्ध रहती है।