scriptइस कपड़े को पहनकर मिल जाएगी Mr. India जैसी ताकत, हो जाएंगे गायब | iit kanpur makes cloth like like-mr-india | Patrika News

इस कपड़े को पहनकर मिल जाएगी Mr. India जैसी ताकत, हो जाएंगे गायब

locationकानपुरPublished: Dec 04, 2018 04:12:07 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

इस कपड़े को पहनकर मिल जाएगी Mr. India जैसी ताकत, हो जाएंगे गायब

mr india

इस कपड़े को पहनकर मिल जाएगी Mr. India जैसी ताकत, हो जाएंगे गायब

कानपुर. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान (आईआईटी) कानपुर के वैज्ञानिकों ने मिस्टर इंडिया टू फिल्म बनाई है, जो भारत के जवानों के लिए कवच तो वहीं दुश्मनों पर कहर बनकर टूटेगी। फिजिक्स विभाग के प्रोफेसर अनंत रामाकृष्णा और उनकी टीम ने भारतीय जवानों के लिए हीट रेडिएशन को रोकन में सक्षम मेटामैटीरियल्स से खास तरह के कपड़े और ऐसी वस्तुएं तैयार की हैं, जिन्हें पहनने के बाद रात में सैनिकों की मौजूदगी किसी भी उपकरण की पकड़ में नहीं आएगी। इन्हें तैयार करने में इनकी टीम को करीब दो साल लग गए हैं। अब इन्हें सेना के पास टेस्टिंग के लिए भेजा गया है और वहां से उत्तीर्ण होने के बाद इनका निर्माण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) करेगा।
पहनने के बाद जवान अदृश्य

प्रोफेसर अनंत रामाकृष्णा के मुताबिक, विकसित विशेष कपड़ों और गैजेट्स की मदद से हमारे सैनिक आरएफ सेंसर, ग्राउंड रडार, एडवांस बैटल फील्ड रडार और इंफ्रारेड कैमरों को चकमा दे सकेंगे। दरअसल अभी अंधेरे में व्यक्ति या वस्तुएं हीट रेडिएशन (वस्तु या शरीर के तापमान) के सहारे पकड़ में आती हैं। इससे एडवांस इंफ्रारेड कैमरे घने अंधेरे में भी किसी व्यक्ति को खोज निकालते हैं। यह तकनीक सभी देश अपनी-अपनी सीमाओं पर इस्तेमाल करते हैं। पर इन विशेष कपड़ों और गैजेट्स पहनने के बाद इंडिया के जवान दुश्मनों की रडार में नहीं आएंगे और अदृश्य होकर उनके ठिकानों में जाकर उन्हें मार गिराएं।
डीआरडीओ की टेस्टिंग में उत्तीर्ण

आईआईटी के जरिए तैयार कई वस्तुओं की टेस्टिंग रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) कर रहा है। डीआरडीओ की परीक्षा में कपड़ों पर लगाए जाने वाली पैचनुमा डिवाइस, जिसे मेटामैटीरियल्स से बनाया गया है, पूरी तरी से उत्तीर्ण हो गया है। डीआरडीओ की तरफ से इसे हरी झंडी दे दी गई है, जिसके बाद संस्थान ने इसे पेटेंट कराने के लिए आवेदन कर दिया है। प्रोफेसर अनंत रामाकृष्णा ने बताया कि दो साल तक हम लोगों ने इस पर काम किया। पूरा प्रोजेक्टर तैयार करने के बाद हमने डीआरडीओ के अधिकारियों से संपर्क किया और अपनी तकनीकि को उनके सामने रखा। जहां डीआरडीओ ने इसे सौ में सौ अंक दिए हैं।

दुश्मन को चकमा देने में कारगर


प्रोफेसर अनंत रामाकृष्णा के मुताबिक मेटामैटेरियल्स से खास तरह का स्टिकर बनाया जा रहा है। इसे सेना के टैंक, लड़ाकू विमान और ड्रोन आदि पर लगाया जा सकेगा। जिसके बाद वे दुश्मन को चकमा दे सकेंगे। इन पर पानी, हवा या गर्मी का असर नहीं होगा और अल्ट्रावॉयलेट और इंफ्रारेड किरणों का असर काफी कम रहेगा। इस तकनीक पर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर कुमार वैभव श्रीवास्तव और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर जे रामकुमार काम कर रहे हैं। प्रोफेसर के मुताबिक इस तकनीक की खासियत है कि इसमें पैच ही ज्यादा सफल होंगे। अगर किसी इंसान या उपकरण को पूरी तरह ढका गया तो वह पकड़ में आ जाएगा। प्रोफेसर ने बताया कि मेटामैटेरियल्स के इस्तेमाल से सेना के लिए संसाधन तैयार किए जा रहे हैं। इसमें डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी भी सहयोग कर रहा है।

एक डिवाइस के इशारे पर एसी-पंखे चलेंगे अौर बंद होंगे

घर, ऑफिस या फैक्‍ट्री सभी जगह एक इशारे पर एसी, पंखे, लाइट समेत बिजली के सभी उपकरण चालू और बंद हो जाएंगे। इसके लिए न तो एक एक कमरे का चक्‍कर लगाना होगा और न ही अधिक संख्‍या में कर्मचारी रखने होंगे। पीएसआईटी के एक छात्र ने ऐसी डिवाइस तैयार की है, जो सर्वर से कनेक्‍ट होगा और बिजली उपकरणों के बारे में पल पल की जानकारी देता रहेगा। यही नहीं, इस डिवाइस के जरिए बिजली उपकरणों का समय भी सेट कर सकेंगे। डिवाइस में फीड किए डाटा के अनुसार उपकरण अपने आप चालू और बंद होंगे। इससे बिजली की खपत कम होगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो