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दिल्ली के प्रदूषण को काबू करने में आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक देंगे मदद

locationकानपुरPublished: Oct 11, 2019 10:32:11 am

सेंसर के जरिए पल-पल की रिपोर्ट सरकार को देंगे स्वीडन की कंपनी से आईआईटी का हुआ करार

दिल्ली के प्रदूषण को काबू करने में आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक देंगे मदद

दिल्ली के प्रदूषण को काबू करने में आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक देंगे मदद

कानपुर। खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके दिल्ली के प्रदूषण को काबू करने के लिए सरकार अब कानपुर आईआईटी की मदद लेगी। कानपुर के वैज्ञानिक सरकार को दिल्ली के प्रदूषण की पल-पल की रिपोर्ट मुहैया कराएंगे। संस्थान के वैज्ञानिक एक ऐसा नेटवर्क तैयार कर रहे हैं, जो दिल्ली में सेंसर के जरिए पल-पल की रिपोर्ट उपलब्ध कराएगा। यह नेटवर्क इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) तकनीक पर काम करेगा। इस रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली या केंद्र सरकार योजना बनाकर उस पर काम करेगी।
सांस लेने लायक नहीं बची हवा
सर्दी और गर्मी के बीच में प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ जाता है कि लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होती है। केंद्र और दिल्ली सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। कोई भी योजना तभी सफल होती है, जब उसकी समस्या की पूरी जानकारी और डाटा उपलब्ध हो। इसलिए आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक स्वीडन की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली एक कंपनी के साथ मिलकर एक नेटवर्क तैयार करने जा रहा है।
स्वीडन की कंपनी से हुआ करार
आईआईटी कानपुर और स्वीडन की एक कंपनी के बीच करीब एक महीने पहले करार भी हुआ है। जो मिलकर अगले छह माह में यह नेटवर्क तैयार करेंगे। आईआईटी के वैज्ञानिक इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित नैरो बैंड सेंसर बनाएगा। जिसे दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर लगाया जाएगा। ये सेंसर स्वचालित होंगे। जो ऑटोमेटिक तरीके से एक निश्चित अंतराल पर निर्धारित समय के अनुसार सूचना देते रहेंगे।
प्रदूषण का स्तर और स्रोत भी खोजेंगे सेंसर
आईआईटी के बनाए गए सेंसर प्रदूषण के स्तर का आंकड़ा, स्त्रोत और स्थान के बारे में भी प्रभावी तरीके से जानकारी देंगे। इन सभी डाटा के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिसे सरकार को भेजने के साथ सार्वजनिक भी किया जाएगा। इस सेंसर से पीएम2.5, पीएम10 के साथ पीएम1 का भी डाटा मिलेगा। अभी तक अधिकांश सेंसर ये डिवाइस सिर्फ पीएम10 और पीएम2.5 का ही डाटा उपलब्ध कराती है।

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