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छेड़छाड़ से आहत छात्रा ने खोली जुबान, हरकत में आया आईआईटी प्रशासन

locationकानपुरPublished: Sep 27, 2017 04:51:22 pm

Submitted by:

shatrughan gupta

कानपुर ने एक संवेदनशील घटना पर संजीदगी दिखायी है और गर्ल्स हॉस्टल में घुसे एक बाहरी युवक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है।

IIT Kanpur

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कानपुर. बीएचयू में छात्राओें के साथ छेड़छाड़ की घटना के बाद पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन चल रहा है, वहीं आईआईटी कानपुर की एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। यहां शोहदा छात्रा के साथ अश्लील हरकतें करने के साथ उसे परेशान करता था। युवक की करतूत से आजिज आकर छात्रा ने आईआईटी प्रशासन को जानकारी दी। छात्रा ने बताया कि हम लोग गर्ल्स हॉस्टल के लॉन में कुछ छात्राएं बैडमिंटन खेल रहीं थीं। इसी दौरान वहां से एक लड़का गुजरा, जिसने हमें भद्दे-भद्दे कमेंट किए। हम लोगों ने दौड़ाकर उस लड़के को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन हमारे जाने के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया। छात्रा ने बताया, ये घटना 15 दिन पहले की है और हमने आईआईटी प्रशासन को इस बारे में बता दिया, बावजूद युवक पर कार्रवाई का दबाव नहीं बनाया गया।
छात्राओं ने पकड़कर किया पुलिस के हवाले

बीएचयू में भड़की अशान्ति से सबक लेकर अब आईआईटी, कानपुर ने एक संवेदनशील घटना पर संजीदगी दिखायी है और गर्ल्स हॉस्टल में घुसे एक बाहरी युवक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है। हालांकि इस घटना के बाद आईआईटी की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगे हैं औैर इसे लेकर सोशल मीडिया पर कमेण्ट्स और पोस्ट्स की बाढ़ आ गयी है। आरोपों से घिरे आईआईटी, कानपुर आज दस दिन बाद मीडिया के सामने आया और उसने अपनी सफाई पेश की। संस्थान के उपनिदशेक मणीन्द्र अग्रवाल के अनुसार एक युवक आईआईटी छात्र के वेश में गर्ल्स हास्टल की बाउण्ड्री फांदकर अन्दर आ गया था और बैडमिन्टन खेल रही छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करने लगा था। छात्राओं ने इसकी सूचना सुरक्षा गार्ड को दी। चेकिंग में उक्त युवक अपनी आईडी नहीं दिखा सका तो उसे पुलिस के हवाले कर दिया। इस घटना की रिपोर्ट पुलिस चौकी में लिखाने के साथ साथ आईआईटी प्रशासन ने सुरक्षा बन्दोबस्त कड़े कर दिये हैं।
मामले को दबाना चाहता था आईआईटी प्रशासन

छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटना 15 दिन पहले हुई थी। छात्राओं ने आरोपी युवक को पकड़ा और पुलिस के हवाले किया। साथ ही इस बारे में आईआईटी प्रशासन को भी बताया, लेकिन प्रशासन संस्थान की क्षवि खराब होने के डर से मामले को दबाने पर तुला था। इसी के चलते युवक को थाने से छुड़ा दिया गया। पर छात्राओं ने सोशल मीडिया के जरिए घटना की जानकारी आईआईटी से बाहर शेयर की, तब प्रशासन के हाथ पैर फूल गए और आनन-फानन में युवक के खिलाफ तहरीर दिए जाने की बात कही। आईआईटी उपनिदेशक ने बताया कि संस्थान में बाहरी लोगों के आने-जाने पर रोक है, पर नानकारी के जरिए कुछ युवक अंदर आ जाते हैं। संस्थान ने अब वहां पर गार्ड तैनात कर दिए हैं।
इसके चलते बाहरी युवक कर पाते हैं प्रवेश

दरअसल, आईआईटी प्रशासन कुछ भी कर ले, बाहरी व्यक्तियों का संस्थान में प्रवेश रोक पाना नामुमकिन है। जिस स्थान को अधिग्रहीत करके आईआईटी स्थापित की गयी थी, वहॉ से विस्थापित ग्रामीणों को नानकारी गॉव में बसाया गया था और नानकारी का रास्ता आईआईटी कैम्पस के अन्दर से जाता है। एक कानूनी समझौते के मुताबिक आईआईटी प्रशासन नानकारी जाने वालों को कैम्पस के अन्दर आने से नहीं रोक सकता है। कुछ दशक पहले तक नानकारी गॉव वाले आईआईटी के अनुशासन का पालन करते थे,लेकिन बदला माहौल यहॉ की छात्राओं के लिये पहले जैसा सुरक्षित नहीं रह गया है। वहीं मामले पर इंस्पेक्टर कल्याणपुर बीपी सिंह ने ऐसी किसी शिकायत आने से इंकार किया। कहा अगर शिकायत आती है तो जांच कर कार्रवाई करेंगे।
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