अंतिम चरण में वेंटीलेटर का काम
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर में पोर्टेबल वेंटीलेटर के निर्माण का काम अंतिम चरण में है। अब आइआइटी चार लेयर का सस्ता मास्क तैयार करने जा रहा है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए उपयोगी तीन लेयर के मास्क बाजार से गायब हो गए हैं। सिर्फ सर्जिकल और हाथ से बनाए गए मास्क ही मिल रहे हैं। ऐसे में सिविल इंजीनियरिंग के प्रो. तरुण गुप्ता, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रो. जे राम कुमार ने चार लेयर मास्क बनाने के लिए पुरातन छात्र डॉ. संदीप पाटिल से बातचीत की।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर में पोर्टेबल वेंटीलेटर के निर्माण का काम अंतिम चरण में है। अब आइआइटी चार लेयर का सस्ता मास्क तैयार करने जा रहा है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए उपयोगी तीन लेयर के मास्क बाजार से गायब हो गए हैं। सिर्फ सर्जिकल और हाथ से बनाए गए मास्क ही मिल रहे हैं। ऐसे में सिविल इंजीनियरिंग के प्रो. तरुण गुप्ता, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रो. जे राम कुमार ने चार लेयर मास्क बनाने के लिए पुरातन छात्र डॉ. संदीप पाटिल से बातचीत की।
इस चीज का होगा इस्तेमाल
प्रो. तरुण गुप्ता ने बताया कि डॉ. पाटिल की ई-स्पिन नैनोटेक कंपनी पॉलीप्रोपाइलीन मेंबरेन (एक तरह की फाइबर झिल्ली) का पेटेंट करा चुकी है। इसे मॉडीफाइड कर सस्ता मास्क बनाया जा सकता है। पॉलीप्रोपाइलीन मैंबरेन में अन्य पदार्थ मिलाकर चार लेयर के मास्क का प्रोटोटाइप तैयार किया गया। बड़े स्तर पर मास्क बनाने पर इसकी अनुमानित लागत 50 रुपये तक आएगी। अभी बाजार में इस तरह के मास्क 200 से 250 रुपये या उससे अधिक कीमत पर मिलते हैं।
प्रो. तरुण गुप्ता ने बताया कि डॉ. पाटिल की ई-स्पिन नैनोटेक कंपनी पॉलीप्रोपाइलीन मेंबरेन (एक तरह की फाइबर झिल्ली) का पेटेंट करा चुकी है। इसे मॉडीफाइड कर सस्ता मास्क बनाया जा सकता है। पॉलीप्रोपाइलीन मैंबरेन में अन्य पदार्थ मिलाकर चार लेयर के मास्क का प्रोटोटाइप तैयार किया गया। बड़े स्तर पर मास्क बनाने पर इसकी अनुमानित लागत 50 रुपये तक आएगी। अभी बाजार में इस तरह के मास्क 200 से 250 रुपये या उससे अधिक कीमत पर मिलते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने दी बधाई
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आइआइटी निदेशकों से मुखातिब हुए। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान संस्थान की गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। शोध और रिसर्च के बारे में पूछा। आइआइटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर से पोर्टेबल वेंटीलेटर के निर्माण पर चर्चा की और शोध में लगे विशेषज्ञों को बधाई दी।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आइआइटी निदेशकों से मुखातिब हुए। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान संस्थान की गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। शोध और रिसर्च के बारे में पूछा। आइआइटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर से पोर्टेबल वेंटीलेटर के निर्माण पर चर्चा की और शोध में लगे विशेषज्ञों को बधाई दी।