कानपुर आईआईटी ने कोरोना की सस्ती जांच किट तैयार करने का निर्णय लिया है। आईआईटी के बायोसाइंस एंड बायोइंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. अमिताभ बंदोपाध्याय ने शोध शुरू कर दिया है। वे अपनी टीम के साथ किट बनाने में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक कोरोना की पहचान के लिए नमूने लेकर लखनऊ जांच के लिए भेजे जाते हैं। जिसमें कोरोना की पुष्टि होने में काफी समय लग जाता है।
प्रो. बंदोपाध्याय की टीम ऐसा पोर्टेबल वेंटीलेटर बनाने पर भी काम कर रही है, जिसकी आपदा में वेंटीलेटर की जरूरत ज्यादा पड़ती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि विदेशों में कोरोना वायरस में अधिकांश मरीजों की मौत सही ढंग से सांस न आने के कारण हो रही है। ऐसे में उन्हें वेंटीलेटर की अधिक जरूरत होती है जबकि किसी भी देश में पर्याप्त मात्रा में यह नहीं हैं। इसलिए पोर्टेबल वेंटीलेटर पर काम कर रहे हैं।
आईआईटी में 31 मार्च तक बंदी है। बीटेक के छात्रों को घर भेजकर हॉस्टल खाली करा दिया गया है। एकेडमिक सेशन पूरी तरह से बंद चल रहा है। इसलिए वैज्ञानिकों ने अपने स्तर से प्रयास शुरू किया है। अगले दो-तीन दिन में इस शोध को नया रूप मिल जाएगा। वैज्ञानिकों की टीम नई टेक्नोलॉजी के जरिए अनेक समस्याओं का समाधान कर रही है। जब कोरोना का खतरा देशभर में छाया हुआ है तो टीम ने शोध भी शुरू कर दिया है।