छेड़छाड़ के मामले में फंसे आईआईटी के प्रोफेसर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आईसीसी (आंतरिक शिकायत समिति) की जांच रिपोर्ट में प्रोफेसर दोषी पाए गए हैं। इसके आधार पर समिति ने प्रोफेसर के खिलाफ आरोपपत्र तैयार कर जवाब तलब किया है। जवाब दाखिल करने के लिए उन्हें तीन दिन का समय दिया गया है। इसके बाद पूरा प्रकरण बोर्ड ऑफ गवर्नेंस (बीओजी) के समक्ष रखा जाएगा।
संस्थान स्तर पर बैठाई गई जांच के दौरान आईसीसी ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने के साथ कई शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राओं के बयान दर्ज किए। कमेटी का फोकस छात्रा के सहपाठियों के बयानों पर रहा। आईआईटी कानपुर में सिविल इंजीनियरिंग विभाग में स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत बीटेक करने आई फ्रांसीसी छात्रा ने विभाग के एक प्रोफेसर पर शोषण का आरोप लगाया था। छात्रा ने इसकी शिकायत संस्थान के निदेशक और फ्रांसीसी दूतावास नई दिल्ली में की थी। इसके बाद विदेश मंत्रालय और पीएमओ ने भी संस्थान प्रशासन से रिपोर्ट तलब की थी।
प्रोफेसर पर पहले भी ऐसे आरोप लग चुके हैं। फ्रांसीसी छात्रा के आरोप और पुराने पीडि़तों के बयानों ने प्रोफेसर की मुश्किलें और बढ़ा दीं। आरोपी प्रोफेसर के कार्यालय और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की भी फुटेज खंगाली गई। आईसीसी की जांच रिपोर्ट और आरोपी प्रोफेसर के जवाब के आधार पर बीओजी आगे की कार्रवाई तय करेगी। आईसीसी के दोषी करार देने के बाद माना जा रहा है कि बीओजी आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ संस्थान स्तर पर कार्रवाई के साथ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने की सिफारिश कर सकती है।