दो शहरों में पायलट प्रोजेक्ट
यह एक पायलट प्रोजेक्ट होगा। जिसके तहत आईआईटी के प्रोफेसर केवल केंद्रीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को ही कंप्यूटर से जुड़े कुछ खास आधुनिक कोर्स में की जानकारी देंगे। मौजूदा समय में इन कोर्स की बेहद मांग है। पहले चरण में इसे कानपुर के साथ-साथ लखनऊ में भी लागू किया जाएगा। जिसे अप्रैल महीने में शुरू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के सफल रहने पर इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
यह एक पायलट प्रोजेक्ट होगा। जिसके तहत आईआईटी के प्रोफेसर केवल केंद्रीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को ही कंप्यूटर से जुड़े कुछ खास आधुनिक कोर्स में की जानकारी देंगे। मौजूदा समय में इन कोर्स की बेहद मांग है। पहले चरण में इसे कानपुर के साथ-साथ लखनऊ में भी लागू किया जाएगा। जिसे अप्रैल महीने में शुरू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के सफल रहने पर इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
आईआईटी में तैयार होगा कोर्स
केंद्रीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को कंप्यूटर पढ़ाने के लिए आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर ही इसका कोर्स तैयार कर रहे हैं। प्रोफेसर अभय करकरे ने बताया कि छात्र-छात्राओं को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के तहत कंप्यूटेशनल थिंकिंग, पायथन प्रोग्रामिंग समेत कई अन्य जानकारियां दी जाएंगी ताकि वह प्रोग्रामिंग से संबंधित सारे कार्य आसानी से कर सकें। प्रो.अमय के साथ ही आइआइटी के भौतिकी के प्रोफेसर महेंद्र वर्मा व अन्य शिक्षकों की टीम छात्रों का ज्ञान बढ़ाएगी।
केंद्रीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को कंप्यूटर पढ़ाने के लिए आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर ही इसका कोर्स तैयार कर रहे हैं। प्रोफेसर अभय करकरे ने बताया कि छात्र-छात्राओं को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के तहत कंप्यूटेशनल थिंकिंग, पायथन प्रोग्रामिंग समेत कई अन्य जानकारियां दी जाएंगी ताकि वह प्रोग्रामिंग से संबंधित सारे कार्य आसानी से कर सकें। प्रो.अमय के साथ ही आइआइटी के भौतिकी के प्रोफेसर महेंद्र वर्मा व अन्य शिक्षकों की टीम छात्रों का ज्ञान बढ़ाएगी।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में ट्रेंड होंगे छात्र
केंद्रीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं को अप्रैल महीने से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की पढ़ाई कराई जाएगी। आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की बेहद मांग है। खुद आईआईटी के छात्रों ने अपने कई शोध में इस तकनीक का इस्तेमाल कर नई-नई चीजें विकसित की हैं। जो देश में जन सामान्य के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में भी काफी उपयोगी साबित हो रही हैं।
केंद्रीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं को अप्रैल महीने से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की पढ़ाई कराई जाएगी। आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की बेहद मांग है। खुद आईआईटी के छात्रों ने अपने कई शोध में इस तकनीक का इस्तेमाल कर नई-नई चीजें विकसित की हैं। जो देश में जन सामान्य के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में भी काफी उपयोगी साबित हो रही हैं।
देश में १०० स्कूल चयनित
इसके लिए देशभर के 100 स्कूल चुने गए हैं जिनमें केवी आईआईटी शामिल है। केवी आईआईटी प्रधानाचार्य आरएन वडालकर कहते हैं कि केवी लखनऊ व कानपुर के छात्र-छात्राओं को आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर प्रोग्रामिंग पढ़ाएंगे। इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जा रहा है।
इसके लिए देशभर के 100 स्कूल चुने गए हैं जिनमें केवी आईआईटी शामिल है। केवी आईआईटी प्रधानाचार्य आरएन वडालकर कहते हैं कि केवी लखनऊ व कानपुर के छात्र-छात्राओं को आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर प्रोग्रामिंग पढ़ाएंगे। इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जा रहा है।