नदियों में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ही नहीं, राज्य सरकारें भी लगातार प्रयास कर रही हैं। इसी समस्या को रोकने के लिए आईआईटी की टीम ने एक विशेष एनएसवीएस (नीरशरा स्वयंशासित वेधशाला) डिवाइस तैयार की है। इसकी प्रेरणा अमेरिका की मिसिसिपी नदी में लगी मशीनों को देखकर मिली। यह मशीन रियल टाइम मॉनीटरिंग करने के साथ पानी की गुणवत्ता भी बताएगी। संस्थान के काग्नेटिव साइंस विभाग के हेड प्रो. बिशाख भट्टाचार्य की अगुवाई में प्रो. इंद्रसेन, प्रो. केतन राजावत, प्रो. मंगल कोठारी और प्रो. एलेक ने इस डिवाइस को तैयार किया है।
प्रो. बिशाख ने पानी की हलचल मात्र से ही बिजली पैदा करने की तकनीक विकसित की है। इस तकनीक के तहत महज 0.5 किमी पानी की रफ्तार में भी बिजली पैदा की जा सकेगी जबकि अभी तक 20 किमी की अधिक रफ्तार से गिरने वाले पानी से बिजली बनाई जाती है। इस तकनीक को एनएसवीएस डिवाइस में लगाया गया है। मतलब इसमें किसी तरह की बैटरी नहीं लगानी होगी। यह खुद बिजली पैदा करेगा और पूरी तरह काम करेगा।
प्रो. बिशाख का दावा है यह पहली डिवाइस होगी, जो पानी के अंदर लगातार 24 घंटे 365 दिन की रिपोर्ट देगी। अभी तक किसी भी डिवाइस में बिजली पैदा करने की क्षमता नहीं है। अमेरिका की मिसिसिपी नदी में प्रदूषण मापने की जो डिवाइस लगी है वह बैटरी से चलती है। इस कारण उसकी बैटरी बदलने के लिए उसे हर एक-दो माह बाद निकालना पड़ता है। मगर इस डिवाइस में ऐसी समस्या नहीं है।