आईआईटी के वैज्ञानिकों की देखरेख में सफल परीक्षण भी हो चुका है। इसका नाम टेल सिटर रखा गया है। क्योंकि यह एयरक्राफ्ट पूंछ के बल लैंडिंग करता है। फिर पूरा जमीन पर आता है। आईआईटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के छात्र केवलिन कुमार ने बताया कि पहाडिय़ों पर या अन्य कई स्थान ऐसे हैं, जहां रन-वे बनाना मुश्किल होता है। ऐसे स्थानों पर ड्रोन अच्छी तरह कार्य करते हैं। लेकिन, ड्रोन की उडऩे की क्षमता और गति एयरक्राफ्ट की अपेक्षा कम रहती है। इसलिए सोचा कि ऐसा एयरक्राफ्ट तैयार किया जाए, जो बिना रन-वे के उड़ान भर सके। साथ ही पहाडिय़ों पर लैंडिंग करते समय उसमें हादसे के चांस भी कम हो। इस एयरक्राफ्ट का पूरा मॉडल तैयार हो गया है।
केवलिन ने बताया कि अन्य एयरक्राफ्ट की अपेक्षा टेल सिटर में दुर्घटना की संभावना कम है। अक्सर लैंडिंग के समय एयरक्राफ्ट क्रैश कर जाते हैं। मगर इसके पूंछ के बल लैंडिंग करने से यह काफी हद तक सुरक्षित है। छात्रों ने बताया कि यह एयरक्राफ्ट सीमा की निगरानी और परिवहन में अधिक उपयोगी साबित होगा। पहाड़ी इलाकों में बिना रन-वे उड़ान भरकर यह सामान को इधर से उधर ले जा सकता है। साथ ही ड्रोन की अपेक्षा अधिक दूरी तय कर सीमा पर निगरानी कर सकता है। केवलिन ने बताया कि रन-वे न होने के कारण इसे हल्का बनाना जरूरी था। इसलिए इसके आगे का रूप ड्रोन की तरह दिया गया है। यह उसी की भांति सीधे उड़ान भरता है।