जी हां, आप बिल्कुल सही सुन रहे हैं. वैसे बता दें कि आईआईटी कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमेंट में चल रहे समर ऑफ कोड के समापन समारोह में पिछले दिनों स्टूडेंट्स ने अपने-अपने प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया. यहां छात्रों ने एक ऐसी ऐप डेवलप की है, जो कि फेस रिकॉग्नाइज़ करके छात्रों की अटेंडेंस लगा देगा. क्लास में पहुंचते ही स्टूडेंट्स की अटेंडेंस खुद ब खुद लग जाएगी. ऐप को डेवलप करने वाली टीम को सेकेंड प्राइज़ दिया गया है.
इनमें से पहला स्थान सेवियर ऐप की टीम को मिला. बता दें कि यह एक ऐसा एप है जो रिस्पांस टाइम को कम करेगा. एक साथ 5 इमरजेंसी नंबर पर अलर्ट मैसेज जारी करेगा. इस ऐप को डेवलप करने वालों में अनिकेत सांघी, नमन गुप्ता, यथार्थ बाजपेई, तन्मय यादव सौरव कुमार है. सलाहकार आनंद हांडा रहे.
यहां ये भी बताते चलें कि अटेंडेंस ऐप बनाने वाली टीम में रोहित नेगी एडवाइजर की भूमिका में थे. टीम गरिमेल्ला मोहन रघु, वतनूरी वामसी, चीन्दीराला ससांक, डीए बदजीराव, कुमार गौरव सोंगारा शामिल थे. तीसरा प्राइज फूड बैंक एप बनाने वाली टीम को मिला. दो महीने के ट्रेनिंग प्रोग्र्राम में स्टूडेंट्स को एचटीएमएल, जावास्क्रीप्ट, लैम्प स्टैक, पीएचपी, क्लाउड होस्टिंग ऑन माइक्रोसाफ्ट, एज्योर क्लाउड सिस्टम, सीएसएस आईनिक,एसक्यूआई बेसिक, कोर जावा, एन्ड्रायड, साफ्टवेयर आर्किटेक्चर, पायथन, डाटा बेस बेसिक, ड्रयूपल में ट्रेनिंग दी गई. करीब 23 टीमों ने इंटर्नशिप के रूप मे शामिल की गई है.