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स्टूडेंट्स का टैलेंट : फेस रिकॉग्नाइज़ ऐप से लगेगी छात्रों की अटेंडेंस

locationकानपुरPublished: Jul 16, 2018 07:56:45 am

विज्ञान ने आज किस स्‍तर तक तरक्‍की कर ली है, इस बात का अंदाजा तक लगा पाना मुश्‍किल हो चला है. इस दिशा में एक के बाद एक नए चमत्‍कार लोगों की सिर्फ आंखें ही नहीं खोल रहे, बल्‍कि उनको ये अहसास दिला रहे हैं कि प्रकृति के बाद अगर इस दुनिया में चमत्‍कार करने का माद्दा किसी के पास है तो वो सिर्फ और सिर्फ साइंस के पास.

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स्टूडेंट्स का टैलेंट : फेस रिकॉग्नाइज़ ऐप से लगेगी छात्रों की अटेंडेंस

कानपुर। विज्ञान ने आज किस स्‍तर तक तरक्‍की कर ली है, इस बात का अंदाजा तक लगा पाना मुश्‍किल हो चला है. इस दिशा में एक के बाद एक नए चमत्‍कार लोगों की सिर्फ आंखें ही नहीं खोल रहे, बल्‍कि उनको ये अहसास दिला रहे हैं कि प्रकृति के बाद अगर इस दुनिया में चमत्‍कार करने का माद्दा किसी के पास है तो वो सिर्फ और सिर्फ साइंस के पास. अब आईआईटी के इन स्‍टूडेंट्स को ही देख लीजिए. साइंटिस्‍ट बनने की राह पर उन्‍होंने एक ऐसा यंत्र बना डाला है जो सिर्फ चेहरे को पहचान कर ही छात्रों की अटेंडेंस लगा देगा. अब इस यंत्र से एक ओर से टीचर्स को सहूलियत हो जाएगी और दूसरा किसी के नाम पर कोई और आवाज देकर हाजिरी भी नहीं लगा सकेगा.
ऐसी मिली है जानकारी
जी हां, आप बिल्‍कुल सही सुन रहे हैं. वैसे बता दें कि आईआईटी कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमेंट में चल रहे समर ऑफ कोड के समापन समारोह में पिछले दिनों स्टूडेंट्स ने अपने-अपने प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया. यहां छात्रों ने एक ऐसी ऐप डेवलप की है, जो कि फेस रिकॉग्‍नाइज़ करके छात्रों की अटेंडेंस लगा देगा. क्लास में पहुंचते ही स्टूडेंट्स की अटेंडेंस खुद ब खुद लग जाएगी. ऐप को डेवलप करने वाली टीम को सेकेंड प्राइज़ दिया गया है.
पहला स्‍थान रहा इनका
इनमें से पहला स्थान सेवियर ऐप की टीम को मिला. बता दें कि यह एक ऐसा एप है जो रिस्पांस टाइम को कम करेगा. एक साथ 5 इमरजेंसी नंबर पर अलर्ट मैसेज जारी करेगा. इस ऐप को डेवलप करने वालों में अनिकेत सांघी, नमन गुप्ता, यथार्थ बाजपेई, तन्मय यादव सौरव कुमार है. सलाहकार आनंद हांडा रहे.
ये थे शामिल
यहां ये भी बताते चलें कि अटेंडेंस ऐप बनाने वाली टीम में रोहित नेगी एडवाइजर की भूमिका में थे. टीम गरिमेल्ला मोहन रघु, वतनूरी वामसी, चीन्दीराला ससांक, डीए बदजीराव, कुमार गौरव सोंगारा शामिल थे. तीसरा प्राइज फूड बैंक एप बनाने वाली टीम को मिला. दो महीने के ट्रेनिंग प्रोग्र्राम में स्टूडेंट्स को एचटीएमएल, जावास्क्रीप्ट, लैम्प स्टैक, पीएचपी, क्लाउड होस्टिंग ऑन माइक्रोसाफ्ट, एज्योर क्लाउड सिस्टम, सीएसएस आईनिक,एसक्यूआई बेसिक, कोर जावा, एन्ड्रायड, साफ्टवेयर आर्किटेक्चर, पायथन, डाटा बेस बेसिक, ड्रयूपल में ट्रेनिंग दी गई. करीब 23 टीमों ने इंटर्नशिप के रूप मे शामिल की गई है.
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