कानपुर

विस्फोट के बाद खुली पुलिस की पोल, ढहे मकानों में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन

महाराजपुर थाना क्षेत्र के सरसौल चौकी से चंद कदम की दूरी पर अवैध पटाखा चल रही थी, बावजूद इसके जानाकारी पुलिस को नहीं थी।

कानपुरOct 05, 2017 / 01:06 pm

नितिन श्रीवास्तव

विस्फोट के बाद खुली पुलिस की पोल, ढहे मकानों में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन

कानपुर. महाराजपुर थाना क्षेत्र के सरसौल चौकी से चंद कदम की दूरी पर अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी, बावजूद इसके जानाकारी पुलिस को नहीं थी। बुधवार की दोपहर बम फूटने लगे और इनकी सपेट में आकर आधा दर्जन मकान ढह गए। विस्फोट इतना भयंकर था कि आसपास के महात्मा साहू, अरविन्द सैनी और वीरेन्द्र के मकान भी ढह गए। तीनों परिवारों के लोग मलबे में दब गए। पुलिस और आईटीबीपी के जवान मौके पर पहुंचे और मलबे में दगे लोगों को निकालने की बचाव कार्य शुरू किया। एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दो शव बाहर निकाले गए। जिनकी पहचान नीरज और मेहराज के रूप में हुई है। वहीं अभी भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। स्थानीय लोगों के मुताबिक मेहराज पुत्र सलीम ने बस्ती में घर किराए पर लिया था। वो मोहल्लेवालों से ज्यादा बातचीत नहीं करते थे। एसटीएफ ने भारी संख्या में देशी बम व बारूद बरामद किया है।

किराए के मकान में चल रही थी पटाखा फैक्ट्री

महाराजपुर के सरसौल में रघुनाथ सिंह उर्फ बाबू सिंह के मकान में दोपहर लगभग एक बजे तेज धमाके के साथ विस्फोट हो गया। इसकी चपेट में आसपास के आधा दर्जन घर आए हैं। सभी मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बाबू सिंह के मकान को कुछ माह पहले मेहराज पुत्र सलीम ने किराए पर लिया था और जिस समय धमाका हुआ, उस वक्त रघुनाथ के बेटा नीरज घर में टीवी देख रहे था, वहीं विस्फोट वाले घर पर खुद मेहराज भी मौजूद था। हादसे में दोनों की मौत हो गई। पुलिस ने मलबे से शवों को निकाल कर पोस्मार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही अभी भी मलबे में कई लोगों के दबे होने की सामने निकल कर आ रही है। लखनऊ से एनडीआरएफ की टीम को घटनास्थल पर राहत कार्य के लिए रवाना कर दिया गया है।

आईटीबीपी का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

आईटीबीपी के जवान और स्थानीय पुलिस राहत और बचाव कार्य में लगे हैं। गली पतली होने के कारण एंबुलेंस और जेसीबी भी नहीं पहुंच पा रही हैं। घटना कैसे हुई है अभी तक इसकी पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि आशंका जताई जा रही है कि पटाखे की बारूद फटने से ऐसा हुआ होगा। क्षेत्र में पहले भी कई बार ऐसे हादसे हो चुके हैं यहां बड़े पैमाने पर पटाखों का कारोबार अवैध तरीके से चलता है। डीआईजी सोनिया सिंह ने कहा कि फिलहाल तो उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता वहां फंसे लोगों को जल्द से जल्द निकाल कर अस्पताल पहुंचवाना है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि विस्फोट के कारणों की जांच भी की जा रही है और इसके बारे में जल्द बताया जाएगा।

दिवाली से पहले बनते हैं पटाखे

बाबू सिंह जिसके मकान में विस्फोट हुआ उसका कहना है कि मकान सलीम को किराए पर दे रखा था जो शायद अवैध पटाखे का कारोबार करता है। चारो तरफ बारूद की गंद फैली है। एटीएस और बम स्क्वायड की टीम मौके पर पहुंच चुकी है, जबकि एनडीआरएफ की टीम लखनऊ से रवाना हो चुकी है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर बड़े पैमाने पर पटाखे की फैक्ट्री चल रही, लेकिन पुलिस अनजान बनी हुई थी। रज्जन बाबू कहते हैं कि सरसौल में दिवाली से पहले पटाखे का कारोबार करने वाले यहां डेरा डाल लेते हैं और इस काम के एवज में पुलिस को पैसा पहुंचाते हैं। मामले पर डीएम ने कहा कि बचाव कार्य के साथ ही विस्फोट की जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.