देहली उजागर गांव में फूल सिंह एजुकेशन सेंटर है, जिसका संचालक गांव निवासी जहान सिंह और पतारा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख मिलकर अवैध मिलावटी शराब का धंधा कर रहे थे। स्कूल संचालक ने घर में ही फैक्ट्री खोल रखी थी। वह अपने चचेरे भाई मानसिंह के साथ मिलकर घर पर मिलावटी देसी शराब बनाता था। जानकारी होने पर पुलिस ने छापा मारा तो मौके से पांच लाख की 46 पेटी शराब, 22 ड्रम केमिकल, खाली सीसी, बार कोड आदि मिले। पुलिस ने दोनों चचेरे भाइयों के साथ ही ड्राइवर बृजपाल सिंह को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसमें पता चला कि पतारा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख व कंठीपुर घाटमपुर निवासी प्रदीप वर्मा भी फैक्ट्री में हिस्सेदार हैं। इसके बाद प्रदीप और कैंधा सचेंडी निवासी मोहित सिंह को भी दबोचा गया। पुलिस ने वैगनआर कार, टाटा मैजिक और एक बाइक भी बरामद की है।
पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वे लोग सरकारी ठेकों में शराब की सप्लाई करते थे। इन लोगों ने जिन ठेकों के बारे में जानकारी दी है, आबकारी व एलआईयू ने वहां के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। सैंपल भी लिए जा रहे हैं। आशंका है कि इन ठेकों पर बड़ी मात्रा में मिलावटी शराब खपाई जा रही थी।वहीं पूर्व ब्लॉक प्रमुख का भी एक सरकारी ठेका है। यहां से भी मिलावटी शराब बेची जाती थी। पुलिस ने इस ठेके को सीज कर दिया है। आबकारी विभाग ने लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सीओ ने बताया कि आरोपी मोहित का काम शराब बनाने के लिए केमिकल उपलब्ध करवाना था। मोहित ने बताया कि वह दादानगर स्थित एक फैक्ट्री से केमिकल खरीदकर लाता था। उसे प्रति ड्रम दो हजार रुपये मिलते थे। पुलिस के मुताबिक मोहित शराब माफिया अंकित सचान (बरौल कानपुर देहात निवासी) के साथ काम करता है। अंकित पर गैंगस्टर लग चुका है। इसमें भी उसकी भूमिका सामने आयी है।