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यूपी में वोट के लिए चल पड़ा ये धंधा, अब तो महिलाओं का हो रहा इस्तेमाल

locationकानपुरPublished: Nov 12, 2017 08:40:03 am

देखिए यूपी में वोट के लिए क्या-क्या हो रहा है…

Illegal wine in UP Nagar Nikay Election 2017 Kanpur UP Hindi News

यूपी में वोट के लिए चल पड़ा ये धंधा, अब महिलाओं का हो रहा है इस्तेमाल

कानपुर. चुनाव की डुगडुगी बजते ही शराब के अवैध कारोबारी एक्टिव हो जाते हैं। कानपुर के कई थाना क्षेत्रों में शराब का अवैध कारोबार फल फूल रहा है। चुनावी मौसम में अच्छी खासी कमाई के चलते माफिया आबकारी व पुलिस की मिलीभगत से कच्ची देशी शराब का उत्पादन कर उसे आस-पास के जिलों में पहुंचा रहे हैं। सजेंडी थाना क्षेत्र में दो दिन पहले शराब की अवैध फक्ट्री पकड़ी गई थीं, जिसमें भारी मात्रा में शराब का जाखीरा बरामद हुआ है। जिले में सबसे ज्यादा कच्ची शराब बिधनू, सजेंडी, कल्याणपुर, नौबस्ता थानाक्षेत्र अंतर्गत बनाई जाती है। भौंती में पकड़ी की शराब की अवैध फैक्ट्री से हररोज सैकड़ों लीटर शराब, कानपुर देहात, इटावा, कन्नौज, घाटमपुर, बिल्हौर, जहानाबाद और हमीरपुर जिलों में सप्लाई की जाती थी। पुलिस इस पूरे नेटवर्क को खत्म करने के लिए जुटी है।

बढ़ जाती है खपत

निकाय चुनाव की घोषणा के बाद जिले में अवैध शराब का कारोबार तेजी से बढ़ गया है। दोआब बेल्ट वा कानपुर के सीमावर्ती गांवों में नकली शराब का धंधा बेरोकटोक चल रहा है। हालांकि पुलिस व आबकारी विभाग की टीमें लगातार छापेमारी अभियान चलाती रहती हैं लेकिन ये प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। शहर के कल्याणपुर थानाक्षेत्र के कई बस्तियों के साथ ही भौंती, बिधनू, रमईपुर, साढ़, जाजमऊ, नौबस्ता, कर्रही, फत्तेपुर गांवों में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से फल फूल रहा है। कल्याणपुर थानाक्षेत्र की कंज्जड़ बस्ती तो अवैध शराब के कारोबार मुख्य केंद्र बना चुका है। कच्ची शराब की सबसे ज्यादा खपत पंचायत चुनाव के साथ ही नगर निकाय में ज्यादा बढ़ जाती है। शराब माफिया चुनाव के चलते इसकी तैयारी में दो से तीन माह पहले तैयारी में जुट जाते हैं। अवैध शराब के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि नेता कच्ची शराब का आर्डर मतदान से पहले दे देते हैं और पूरे चुनाव प्रचार के दौरान इसी के जरिए वोटर्स को लुभाते हैं। सरकारी के मुकाबले ये सस्ती होती है।

भौंती में पुलिस ने पकड़ी थी फैक्ट्री

सचेंडी पुलिस ने भौंती में बुधवार को नकली देसी शराब बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। जगतपुर रोड स्थित एक घर में हुई अचानक छापेमारी में 250 पेटी तैयार शराब बरामद की गई। छापे में दो हजार लीटर केमिकल, ब्रांडेड देसी शराब के होलोग्राम, बोतल पैक करने की मशीनें मिलीं। यहां पुलिस के हाथ महिला समेत तीन लोग लगे। नकली शराब बनाने वाला माफिया चकमा देकर भाग गया। सूत्रों की मानें तो इस धंधे में अधिकतर महिलाएं लगी हुई हैं। घर के पुरुष शराब के कच्चे माल की आपूर्ति करते हैं और बनाने व बेचने का कार्य महिलाओं के जिम्मे है। यहां के अधिकतर घरों में स्प्रीट से शराब बनाई जाती है। धंधा सुबह शुरू होता है तो देर रात तक चलता रहता हैं। इसके अधिकतर ग्राहक मजदूर वर्ग के हैं। इसी गांव में पुलिस चौकी भी स्थापित है, लेकिन कारोबारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि पुलिस तक का खौफ नहीं है।

भौंती से अन्य जिलों में होती थी आपूर्ति

भौंती में पकड़ी गई फैक्ट्री के पीछे एक महत्वपूर्ण बिंदु निकाय चुनाव में शराब की बढ़ी डिमांड भी माना जा रहा है। पुलिस की छानबीन में यह बात भी सामने आई है कि चुनाव में मांग के चलते शहर की सीमा से पहले जगतपुर में हाल ही में यह फैक्ट्री लगाई गई थी। 250 बोतल शराब की सप्लाई भी दूसरे शहरों को जा रही थी। यह फैक्ट्री हाईवे से लगभग आधा किमी ही दूर है। चुनाव में मांग के चलते दो हजार लीटर शराब से ज्यादा की आपूर्ति जल्द और होनी थी। इस माल को तैयार करने के लिए ड्रमों में केमिकल मंगाया गया था। यह माल नगर, कानपुर देहात, औरैया, इटावा और जालौन तक जाना था। पुलिस को शक है कि नकली शराब माफिया का नेटवर्क कई प्रदेश तक फैला है। हाथ लगे तीनों लोग फैक्ट्री कर्मचारी हैं। संचालक के हाथ लगने पर नेटवर्क के राज खुलेंगे।

केमिकल का होता है इस्तेमाल

अवैध रूप से बनाई जाने वाली शराब में नशा बढ़ाने के लिए केमिकल्स के प्रयोग किया जाता है। इनमें यूरिया, नौसादर, ईस्ट आदि प्रमुख हैं। महुआ सड़ाने के दौरान इनके मिश्रण को इस्तेमाल किया जाता है। इससे तैयार शराब में अल्कोहल की मात्रा अधिक हो जाती है। इससे शराब जहरीली हो जाती है। 2007 विधानसभा चुनाव के वक्त शराब का सेवन करने से कई लोगों की मौत हुई थी। हैलट मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर विकास गुप्ता बताते हैं कि इसका सेवन करने से लीवर और किडनी के अलावा आंख की रोशनी जाने का खतरा रहता है। अगर किसी ने इसका ज्यादा सेवन कर लिया तो उसकी मौत भी हो सकती है। जिला आबकारी अधिकारी सूरेंद्र सिंह ने बताया कि अवैध शराब के कारोबारियों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जाती है। विभाग की टीमें लगातार सक्रिय रहकर इस पर नजर रख रही है। जिले में जहां पर अवैध शराब का काम होने की जानकारी मिलती है वहां पर छापेमारी कर कार्रवाई की जाती है।

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