आपके खाते में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी रोकने के लिए बैंक के पास सारे अधिकार सुरक्षित हैं। अगर आपके खाते का लेनदेन गड़बड़ या संदिग्ध है या फिर आपने असामान्य लेनदेन किए हैं तो बैंक के पास अधिकार होगा कि किसी भी डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड को अपनी मर्जी से कभी भी डिएक्टिवेट कर दें। ये कार्ड के ट्रांजेक्शन के खतरे के आधार पर तय होगा।
अगर जारी हुए डेबिट व क्रेडिट कार्ड से लंबे समय तक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं हुआ है, तो भी बैंक के पास सेवाओं को निलंबित करने का अधिकार होगा। इसलिए बेहद जरूरी है कि आप डेबिट कार्ड से समय रहते बीच-बीच में नजदीकी किसी भी एटीएम पर जाकर धननिकासी कर सकते हैं और अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है तो उसका भी इस्तेमाल कुछ समय अंतराल पर करते रहिए।
साइबर ठग ऐसे खातों को ज्यादा निशाना बनाते हैं जिनमें लंबे समय तक धननिकासी ना होती हो। जो लोग कई दिनों तक खाते से धननिकासी नहीं करते हैं उन्हें अपने खाते की जानकारी कम ही रहती है। ऐसे में साइबर ठग कभी भी आपका खाता खाली कर देंगे और अगर आपके पास मोबाइल अलर्ट नहीं है तो इसका पता आपको तभी चलेगा जब आप बैंक जाकर कुछ भी लेनदेन करेंगे। जबकि जो खातेदार लगातार कुछ समय अंतराल पर अपने खाते से लेनदेन करते रहते हैं, उन पर साइबर ठग जल्दी हाथ नहीं डालते।
कोरोना के कारण लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और घर के नजदीक ही एटीएम से पैसा निकाल लें, इसके लिए स्टेट बैंक ने ट्रांजेक्शन चार्ज खत्म कर दिया है। आपके पास किसी भी बैंक का डेबिट कार्ड हो, आप स्टेट बैंक के एटीएम से जितनी बार चाहें, मुफ्त लेनदेन कर सकते हैं। ये सुविधा 30 जून तक है।