scriptइस मंदिर में देवी 24 घंटे में तीन रूपों में देती हैं दर्शन, मुस्लिम महिला ने इस 5000 वर्ष पुराने मंदिर के लिए दान में दी थी जमीन | in 24 hour devi change three time colour in this temple kanpur dehat | Patrika News

इस मंदिर में देवी 24 घंटे में तीन रूपों में देती हैं दर्शन, मुस्लिम महिला ने इस 5000 वर्ष पुराने मंदिर के लिए दान में दी थी जमीन

locationकानपुरPublished: Oct 01, 2019 01:05:29 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

सुबह बाल अवस्था, दोपहर युवा अवस्था और रात वृद्धा अवस्था में देवी दर्शन देती हैं।

इस मंदिर में देवी 24 घंटे में तीन रूपों में देती हैं दर्शन, मुस्लिम महिला ने इस 5000 वर्ष पुराने मंदिर के लिए दान में दी थी जमीन

इस मंदिर में देवी 24 घंटे में तीन रूपों में देती हैं दर्शन, मुस्लिम महिला ने इस 5000 वर्ष पुराने मंदिर के लिए दान में दी थी जमीन

अरविंद वर्मा

कानपुर देहात-जनपद के मूसानगर में प्राचीन मुक्ता देवी मंदिर में नवरात्र को लेकर श्रद्धालुओ की भीड़ लगी है। कहा जाता है कि यहां देवी दिन में 3 रूप बदलती हैं। सुबह बाल अवस्था दोपहर युवा अवस्था और रात वृद्धा अवस्था में दर्शन देती हैं। लोग बताते हैं कि मुक्ता देवी मंदिर लगभग 5 हज़ार साल पुराना है। यमुना नदी के किनारे स्थापित इस मंदिर में दस्यु सुंदरी फूलन देवी और डाकू विक्रम मल्लाह माथा टेकने आते थे। खास बात ये है कि मंदिर परिसर में एक ज़माने से चूड़ी बेच रही मुस्लिम बुज़ुर्ग महिला ने मंदिर में 3 बीघा जमीन दान दी थी, जो साम्प्रादायिक सौहार्द की मिसाल भी है।
चोरों ने प्रतिमाओं को चोरी कर वापस किया था

कानपुर देहात के मूसानगर इलाके में यमुना नदी के किनारे बना प्राचीन मुक्ता देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था है कि इस दरबार मे हर मनोकामना पूरी होती है। यही वजह है कि यहां भक्त प्रदेश से ही नही बल्कि देश के कोने कोने से आते हैं। बताया जाता है कि ये सिद्ध पीठ है। इसी वजह से यहां हर मनोकामना यहां पूरी होती है। मंदिर में देवी की प्रतिमा दिन भर में 3 रूप बदलती हैं। सुबह बाल रूप में तो दोपहर में युवा रूप धारण करती और रात देवी वृद्धा अवस्था में होती हैं। जानकार बताते है कि मंदिर परिसर में लगी प्रतिमाओं को कई दशक पहले चोरी करने की कोशिश की गयी थी, लेकिन बाद में चोर प्रतिमाओं को वापस मंदिर में लाकर रख गए और क्षमा प्रार्थना करके चले गए थे।
डाकू आकर टेकते थे यहां मत्था

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि इस बात का किसी को नही पता कि मंदिर कितना पुराना है, लेकिन हाल ही में पुरातत्व विभाग की टीम आयी थी और उसके सर्वेक्षण में ये जानकारी हुयी कि मंदिर लगभग 5 हज़ार साल पुराना है। मंदिर परिसर में कई दुकानें भी हैं, जिसमें प्रसाद का सामान बेचा जाता है। मंदिर के पुजारी बताते हैं यमुना नदी के किनारे बने प्राचीन मुक्ता देवी मंदिर में दस्यु सुंदरी फूलन देवी डाकू विक्रम मल्लाह सहित बीहड़ में रहने वाले तमाम डाकू भी माथा टेकने आते थे और माता का आशीर्वाद लेकर चले जाते थे लेकिन कभी डाकुओं ने किसी को हानि नही पहुंचाई। आज यहां नवरात्रि में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है।

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