चोरों ने प्रतिमाओं को चोरी कर वापस किया था कानपुर देहात के मूसानगर इलाके में यमुना नदी के किनारे बना प्राचीन मुक्ता देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था है कि इस दरबार मे हर मनोकामना पूरी होती है। यही वजह है कि यहां भक्त प्रदेश से ही नही बल्कि देश के कोने कोने से आते हैं। बताया जाता है कि ये सिद्ध पीठ है। इसी वजह से यहां हर मनोकामना यहां पूरी होती है। मंदिर में देवी की प्रतिमा दिन भर में 3 रूप बदलती हैं। सुबह बाल रूप में तो दोपहर में युवा रूप धारण करती और रात देवी वृद्धा अवस्था में होती हैं। जानकार बताते है कि मंदिर परिसर में लगी प्रतिमाओं को कई दशक पहले चोरी करने की कोशिश की गयी थी, लेकिन बाद में चोर प्रतिमाओं को वापस मंदिर में लाकर रख गए और क्षमा प्रार्थना करके चले गए थे।
डाकू आकर टेकते थे यहां मत्था मंदिर के पुजारी बताते हैं कि इस बात का किसी को नही पता कि मंदिर कितना पुराना है, लेकिन हाल ही में पुरातत्व विभाग की टीम आयी थी और उसके सर्वेक्षण में ये जानकारी हुयी कि मंदिर लगभग 5 हज़ार साल पुराना है। मंदिर परिसर में कई दुकानें भी हैं, जिसमें प्रसाद का सामान बेचा जाता है। मंदिर के पुजारी बताते हैं यमुना नदी के किनारे बने प्राचीन मुक्ता देवी मंदिर में दस्यु सुंदरी फूलन देवी डाकू विक्रम मल्लाह सहित बीहड़ में रहने वाले तमाम डाकू भी माथा टेकने आते थे और माता का आशीर्वाद लेकर चले जाते थे लेकिन कभी डाकुओं ने किसी को हानि नही पहुंचाई। आज यहां नवरात्रि में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है।