जिले के 127 गांव की बदलेगी सूरत कानपुर देहात से गुजरी यमुना नदी के उत्तर की ओर से भोगनीपुर व सिकंदरा तहसील क्षेत्र के सैकड़ों गांव बुंदेलखंड के सीमावर्ती गांव हैं, जहां का भूजल स्तर काफी निचला है। पिछले दिनों शासन ने इलाहाबाद, कानपुर व आगरा के मंडलायुक्त को निर्देश दिए थे कि बुंदेलखंड के समतुल्य हालात वाली तहसील, विकास खंड और गांव निर्धारित किए जाएं। आगरा से इलाहाबाद तक 17 से 20 किलोमीटर चौड़ी खड़ी पट्टी के क्षेत्र को दिए जाने वाले बुंदेलखंड पैकेज में इन गांवों पर भी विचार किया जाएगा। इसके एवज में जिलाधिकारी ने बुंदेलखंड के सीमावर्ती भोगनीपुर और सिकंदरा के एसडीएम से सर्वे कर ब्यौरा मांगा था। इसमें भोगनीपुर के 87 और सिकंदरा के 40 गांव चिह्नित किए गए हैं। फिलहाल दोनों तहसीलों के 127 गांवों को बुंदेलखंड पट्टी में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
गांवों को मिल सकती हैं ये सुविधाएं शासन कि मंजूरी के बाद विकास की लहर में इन गांवों में टैंकर से पानी भेजने की व्यवस्था की जाएगी। खेती बाड़ी के लिए बीज व कृषि यंत्रों पर किसानों को अतिरिक्त अनुदान भी दिया जाएगा। फसल प्रदर्शन व निशुल्क बीज किट देने की व्यवस्था की जाएगी। बंजर भूमि होने से बचाव के प्रबंध एवं भूक्षरण रोकने और जल संचयन के लिए वन क्षेत्रों में बंधी निर्माण भी किया जाएगा। चेकडैम निर्माण के साथ तालाब, पशुओं व वन्य जीवों के लिए पेयजल प्रबंध कराया जाएगा। जिससे वहां के स्थानीय लोगों को राहत मिल सके।
जिलाधिकारी कानपुर देहात राकेश कुमार सिंह ने बताया कि विकसित हो रही चौड़ी पट्टी में बुंदेलखंड के समतुल्य पाए गए गांवों का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसमें भोगनीपुर के 87 व सिकंदरा तहसील के 40 गांव भी शामिल हैं।