नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा रविवार को दोपहर अफसरों के साथ प्लांट का निरीक्षण करने पहुंच गए. वर्तमान में प्लांट जेनरेटर से चलाया जा रहा है. पर्यावरण अभियंता रमेश कुमार पाल ने बताया कि कंपनी को बिजली कनेक्शन लेने के लिए 12 अक्टूबर को नोटिस दी गई थी. प्लांट में जलभराव होने से काम रुक गया था. इसके चलते कूड़े के ढेर गेट तक लग गए हैं.
इतना ही नहीं, कूड़ा वाहनों को अंदर जाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. उन्होंने आदेश दिए कि पिछले दस दिन की सूची देखकर पता करें कि जो कूड़ा वाहन प्लांट में नहीं आ रहे हैं उन्हें ईधन जारी किया जा रहा है या नहीं. इससे पता चल जाएगा कि कौन सा वाहन रोज आ रहा है और कौन नहीं. ऐसे वाहनों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाए. नगर आयुक्त ने अफसरों से कहा कि कंपनी के उच्चाधिकारियों से उनकी वार्ता कराई जाए.
कूड़ा निस्तारण का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए कमेटी बनाई गई. कूड़ा निस्तारण का मास्टर प्लान तैयार करने और नगर निगम में व्यवस्था करने को प्रशिक्षु आइएएस शशांक चौधरी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है. इसमें अपर नगर आयुक्त अमृत लाल बिंद, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पंकज श्रीवास्तव, पर्यावरण अभियंता रमेश कुमार पाल, आइएलएफएस के प्लांट मैनेजर शशांक शुक्ल हैं. यहां एक बार फिर से बताते चलें कि कूड़ा निस्तारण प्लांट बिना बिजली कनेक्शन के चल रहा है. इससे पूरी क्षमता से कूड़े का निस्तारण नहीं हो पा रहा है. नगर आयुक्त ने प्लांट का काम देख रही आइएलएफएस कंपनी के पदाधिकारियों को एक सप्ताह में बिजली कनेक्शन लेने का आदेश दिया है.