कानपुर

यूनिवर्सिटी कैम्पस में एमबीए व बीबीए छात्रों को परीक्षा देने से रोका, जमकर हुआ हंगामा

मंगलवार को छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी का माहौल कुछ बदला-बदला सा रहा. हुआ कुछ ऐसा कि यहां एमबीए व बीबीए के छात्रों को सेमेस्टर एग्जाम देने से रोका गया. बस फिर क्‍या था, इसी बात पर छात्रों ने जमकर हंगामा कर दिया. यहां आपको बता दें कि 75 प्रतिशत से कम उपस्‍थिति होने पर छात्रों को परीक्षा देने से रोक दिया गया था.

कानपुरNov 28, 2018 / 01:28 pm

आलोक पाण्डेय

यूनिवर्सिटी कैम्पस में एमबीए व बीबीए छात्रों को परीक्षा देने से रोका, जमकर हुआ हंगामा

कानपुर। मंगलवार को छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी का माहौल कुछ बदला-बदला सा रहा. हुआ कुछ ऐसा कि यहां एमबीए व बीबीए के छात्रों को सेमेस्टर एग्जाम देने से रोका गया. बस फिर क्‍या था, इसी बात पर छात्रों ने जमकर हंगामा कर दिया. यहां आपको बता दें कि 75 प्रतिशत से कम उपस्‍थिति होने पर छात्रों को परीक्षा देने से रोक दिया गया था. इसी बात पर भड़के छात्रों ने मौके पर हंगामा कर दिया.
ऐसी मिली है जानकारी
खबर कुछ ऐसी है कि सीएसजेएमयू में मंगलवार को बीबीए और एमबीए छात्रों को अचानक परीक्षा देने से रोक दिया गया. इससे नाराज होकर पहले तो छात्रों ने विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव से बात की, लेकिन जब इसके बाद भी उन्हें प्रवेश नहीं मिला तो सभी छात्र कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह से मिलने पहुंच गए.
यहां भी नहीं गली दाल
इसके बाद कुलसचिव व छात्र-छात्राओं के बीच काफी देर तक वार्ता हुई. इस लंबी चल रही वार्ता को देखकर लग रहा था कि अब शायद कुछ बात बन जाएगी, लेकिन हुआ इसके उलटा ही. कुलसचिव ने मामले में उपस्‍थिति कम होने पर साफ कर दिया कि किसी भी छात्र को कोई छूट नहीं दी जाएगी. फिर क्‍या था, अब तो छात्रों का गुस्‍सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. कुछ देर तो छात्रों ने हंगामा किया, लेकिन उसके बाद छात्रों के लिए बीच का रास्‍ता निकाला गया.
लेनी होंगी एक्स्ट्रा क्लास
छात्र और कुलसचिव के बीच लंबी चली वार्ता के बाद आखिरकार फैसला लिया गया कि सभी छात्रों को एक महीने की एक्स्ट्रा क्लासेस लेकर उपस्‍थिति को पूरा करना होगा. उनके ऐसा करने के बाद ही उन्हें सेमेस्टर एग्जाम में बैठने को दिया जाएगा. इस मामले में कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि 50 से अधिक छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने से रोका गया है. इस फैसले के बाद छात्रों ने राहत की सांस ली और वार्ता कर चले गए.
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